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6 फीट लंबी और 54 किलोग्राम वजन, सिर्फ 36 पेज वाली ये किताब क्यों बनी चर्चा की वजह..जानिए

लखनऊ के पुस्तक मेले में एक किताब आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. भगवान श्रीराम को लेकर लिखी गई इस किताब की लंबाई देखकर लोग खुद ही उस ओर खींचे चले जाते हैं. हालांकि इस किताब को आप देख भर सकते हैं लेकिन खरीद नहीं सकते.

राम एक आस्था का मंदिर किताब की जानिए खासियत राम एक आस्था का मंदिर किताब की जानिए खासियत
हाइलाइट्स
  • किताब की लागत 80 हजार रुपये आई

  • इस किताब को देख सकते हैं, खरीद नहीं सकते

एक ऐसी किताब जो आजकल कुछ खास वजहों से चर्चा में बनी हुई है. ऐसी विशाल किताब आपने भी कहीं नहीं देखी होगी. जी हां, लखनऊ के पुस्तक मेले में ये किताब लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. ये भगवान श्री राम पर लिखी किताब है. जिसका नाम है राम एक आस्था का मंदिर. इस किताब के लेखक अहमदाबाद के अपूर्व शाह हैं.

खास बात ये है कि इस किताब की लंबाई 6 फीट और वजन 54 किलोग्राम है. इस लंबी किताब में सिर्फ 36 पेज हैं. किताब के पन्ने लटके नहीं, इसके लिए इसमें पेज की डबल पेस्टिंग की गई है.

किताब में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले सहित राम राज्य तक को समझाया गया

बता दें कि इस किताब में भगवान श्री राम के गुणों के बारे में बताया गया है. अयोध्या में श्रीराम के मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समझाया गया है. अयोध्या के पुराने मंदिरों के इतिहास से लेकर राम राज्य तक को समझाया गया है. गौर करने वाली बात है कि इस किताब की लागत 80 हजार रुपये आई है. हालांकि ये लंबी किताब बेचने के लिए नहीं बनाई गई है.

किताब के छोटे रूप की कीमत 250 रुपये है

लेखक अपूर्व शाह अपने मकसद में कामयाब रहे हैं. क्योंकि लंबी किताब होने के चलते वाकई लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. बता दें कि इस किताब का छोटा रूप भी है. जिसकी कीमत ढाई सौ रुपये है. लोग पुस्तक मेले से इसे पढ़ने के लिए खरीद भी रहे हैं. अपूर्व शाह का मानना है कि अब किताबों को पढ़ने का जमाना चला गया है. लोग व्हाट्सएप और मोबाइल पर ज्यादा व्यस्त रहते हैं. ऐसे में किस तरह किताब की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करें यही सोच कर उन्होंने इतनी लंबी, मोटी और बेहद आकर्षित किताब तैयार की है.

बता दें कि यूपी के उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पुस्तक मेले के उद्घाटन समारोह में शिरकत की थी. वो भी खुद को रोक नहीं पाए और अपूर्व शाह की किताब को देखकर बेहद खुश हुए और उन्होंने यह किताब प्रधानमंत्री मोदी को उपहार में देने की बात कही.