एशिया के सब से बड़े स्लम माने जाने वाला धारावी कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुआ था. उस समय पूरे देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज इसी इलाके से थे. ऐसे में कोविड का नए वेरिएंट, ओमिक्रॉन ने महाराष्ट्र सरकार की चिंता और बढ़ा दी है. इस महामारी से बचने के लिए सबसे कारगर हथियार फिलहाल वैक्सीन ही है. इसलिए ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए धारावी में वैक्सीनेशन सेंटर बना कर लोगों को वैक्सीन दी जा रही है और सबसे खुशी की बात यह है कि धारावी में अब तक 60 प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है.
जगह-जगह पर बनाए गए हैं वैक्सीनेशन सेंटर
एशिया के सब से बड़े स्लम धारावी में ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए यह टीकाकरण पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. धारावी में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान में तेजी लाई गई है. इसके साथ ही धारावी में जगह-जगह पर वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं और लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. अच्छी बात यह है कि अब तक धारावी में 60 प्रतिशत लोगों को वैक्सीनेट कर दिया गया है.
बेघर लोगों का भी हो रहा है वैक्सीनेशन
महाराष्ट्र में ओमिक्रोन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. मुंबई में भी इस वेरिएंट को लेकर राज्य सरकार ने नए नियम जारी कर दिए हैं. यूं तो अधिकतर लोग वैक्सीन ले चुके हैं, लेकिन अभी भी कई लोग वैक्सीन लगवा पाने में असमर्थ हैं. इसे देखते हुए बीएमसी की तरफ से उन लोगों के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की गयी है जो रास्तों पर रहते है और जिनके पास कोई आधिकारिक प्रमाण पत्र नहीं है. कुछ दिनों पहले बीएमसी की मदद से महाराष्ट्र के रेलवे स्टेशंस पर भी वैक्सीनेशन की सुविधा शुरू हो चुकी है.