इस बार का गणतंत्र दिवस कई मायने में खास रहा. इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर खास तौर पर सिटिंग अरेंजमेंट किए गए थे. ऑटो रिक्शा ड्राइवर, कंस्ट्रक्शन वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए भी सीट्स रिजर्व की गई थी. खास बात यह है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में काम करने वाले कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को भी इस परेड में शामिल होने का मौका दिया गया.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में काम करने वाले कंस्ट्रक्शन वर्कर्स का कहना था कि उन लोगों ने कभी सपने में सोचा नहीं था कि उन्हें जिंदगी में इतना बड़ा मौका मिलेगा. देश के अलग-अलग प्रदेशों से आए इन कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए आज का दिन बहुत अविस्मरणीय रहा.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में काम कर रहे एक वर्कर नीतीश कुमार ने बताया कि उनके लिए आज का दिन बहुत अहम है क्योंकि प्रोजेक्ट की जिस जगह पर वो निर्माण का काम कर रहे हैं उसी जगह पर प्रधानमंत्री के साथ परेड देखने का मौका मिला. वे कहते हैं कि यह वही जगह है जहां पर हम रोज आकर काम करते हैं.
कुछ समय पहले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के कारण राजपथ पर आवाजाही बंद कर दी गई थी, लेकिन 26 जनवरी के मौके पर इसे खोला गया और वहीं पर बैठकर कार्यक्रम देखना किसी अजूबे से कम नहीं है. नीतीश कहते हैं- 'हम सभी कंस्ट्रक्शन वर्कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने हमें वह मौका दिया जो हमने सपने में भी नहीं सोचा था.'
इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अन्य वर्कर सुनील कुमार ने बताया कि राजपथ पर होने वाली परेड के बारे में अब तक केवल सुना या टीवी पर देखा था लेकिन आज पहली बार अपनी आंखों से इसे देखने का अनुभव अद्भुत था. सुनील का कहना है कि हम ऐसे लोग हैं जिन्हें कोई नहीं पूछता. काम खत्म होने के बाद सब भूल जाते हैं. लेकिन इतने बड़े मौके पर हमें याद रखना या हमारे लिए किसी सम्मान से कम नहीं है.
कंस्ट्रक्शन वर्कर्स का कहना था कि उन्हें प्रदेश की झांकियों ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया और साथ ही साथ महिलाओं के कारनामों ने उन्हें अचरज में डाल दिया. अब वे इस दिन को अपनी यादों में हमेशा के लिए संजो कर रखेंगे.