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पांच की उम्र में पिता से सीखी तैराकी, 85 की उम्र में बनाया प्रोफेशन

तमिलनाडु के रासीपुरम में वेनांदुर गांव की रहने वाली 85 वर्षीया पपा किसी प्रेरणा से कम नहीं है. और इसकी वजह है कि वह इस उम्र में भी एकदम हष्ट-पुष्ट और तंदरुस्त हैं. साथ ही, पपा कमाल की तैराक हैं और हर उम्र के लोगों को तैराकी सिखाती हैं. ढलती उम्र में जहां लोग तरह-तरह की बिमारियों का शिकार होने लगते हैं, वहीं पपा का हौसला और जज़्बा लोगों को नई उम्मीद से भर देता है.

Representative Image (Getty Images) Representative Image (Getty Images)
हाइलाइट्स
  • पिता से सीखी तैराकी

  • पांच से लेकर 40 की उम्र तक के लोग हैं उनके छात्र

तमिलनाडु के रासीपुरम में वेनांदुर गांव की रहने वाली 85 वर्षीया पपा किसी प्रेरणा से कम नहीं है. और इसकी वजह है कि वह इस उम्र में भी एकदम हष्ट-पुष्ट और तंदरुस्त हैं. साथ ही, पपा कमाल की तैराक हैं और हर उम्र के लोगों को तैराकी सिखाती हैं. 

ढलती उम्र में जहां लोग तरह-तरह की बिमारियों का शिकार होने लगते हैं, वहीं पपा का हौसला और जज़्बा लोगों को नई उम्मीद से भर देता है. वह अपने गांव में बहुत ही पॉपुलर हैं. 

पांच साल की उम्र में सीखी तैराकी: 

पपा एक दिहाड़ी-मजदूर हैं और उन्होंने मात्र पांच साल की उम्र में अपने पिता से तैराकी सीखी थी. उनका कहना है कि जब उनके पिता नदी किनारे कपड़े धोते थे तो वह हमेशा उनके साथ आती थी. और उनके साथ रहते हुए खेल-खेल में वह तैराकी सीख गई. 

हालांकि तब उन्हें नहीं पता था कि वह कभी 85 साल की उम्र में इस शौक को अपना प्रोफेशन बना लेंगी. पपा नदी, कुए या झील में आसानी से तैराकी कर लेती हैं. 

परिवार के साथ गांववालों को भी सिखाया:  

समय के साथ पपा ने तैराकी में महारत हासिल कर ली. और आज उन्होंने न सिर्फ अपने बच्चों, पोते-पोतियों बल्कि गांव के दूसरे लोगों को भी तैराकी सिखाई है. उनके छात्रों की सूची में पांच साल के बच्चों से लेकर 40 वर्ष के वयस्क तक शामिल हैं. 

पपा कई तरह से तैराकी कर सकती हैं. उन्हें तैराकी के सभी गुर आते हैं जिनमें फ्रीस्टाइल, साइड स्ट्रोक और बैकस्ट्रोक आदि शामिल हैं. मौसम कैसा भी हो लेकिन पपा हमेशा तैराकी के लिए तैयार रहती हैं. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि पपा हम सबके लिए एक मिसाल हैं.