देश में आमतौर पर भारतीय मतदाताओं को मतदान में हिस्सा लेने ने के लिए 18 वर्ष की उम्र निर्धारित है. लेकिन साहिबगंज में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें करीब 92 वर्ष के मतदाता पहली बार मतदान करेंगे.साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड के रहने वाले करीब 92 वर्ष के मोहम्मद खलील का नाम पहली बार मतदाता सूची में जुड़ेगा. करीब 92 वर्षीय वरिष्ठ व दिव्यांग से उनके घर पर जाकर शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने मतदाता सूची में उनका नाम जुड़वाने के लिए अधिकारियों को निदेश दिया है.
दौरे पर लोगों से की बात
शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार साहिबगंज के दौरे पर आए थे. दुर्गम क्षेत्र के गांवों में जाकर वरिष्ठ एवं दिव्यांग मतदाताओं से बात की और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं को जाना. इसी दौरान मोहम्मद खलील के बारे में पता चला. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी,झारखण्ड के.रवि कुमार जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-उपायुक्त हेमंत सती ने शुक्रवार को साहेबगंज जिला के मंडरो प्रखण्ड के दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित मतदान केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया एवं गांवों में जाकर वरिष्ठ/दिव्यांग मतदाताओं से मुलाकात की.
सूची में नहीं था नाम
इस दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने करीब 92 वर्षीय बड़खोरी गांव के वरिष्ठ एवं दिव्यांग नागरिक खलील अंसारी से मिलकर मतदाता सूची में उनका नाम होने की जानकारी ली. मोहम्मद खलील के द्वारा बताया गया कि पूर्व में वे बिहार के पूर्णिया जिले में रहते थे,लेकिन अब साहिबगंज जिले के मंडरो प्रखंड अंतर्गत बड़खोरी में रह रहे हैं. खलील ने मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण कभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किये जाने की जानकारी दी. इसपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने खलील का नाम मतदाता सूची में जोड़ने की प्रक्रिया तत्काल करने का निदेश दिया. उन्होंने अन्य वरिष्ठ मतदाताओं से मिलकर उनके लिए मतदान केन्द्र पर उपलब्ध न्यूनतम सुविधा एवं अन्य व्यवस्थाओं को जाना.
(सत्यजीत कुमार की रिपोर्ट)