हरियाणा के नूंह में हिंसा भड़की हुई है. जिसकी जद में आसपास के जिले भी आ गए हैं. गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल जैसे जिलों में हाई अलर्ट है. लेकिन इस तनाव के बीच एक मुस्लिम परिवार ने प्रेम और भाईचारे की मिसाल पेश की. इस परिवार ने हिंदू पिता-पुत्र की एक जोड़ी को अपने घर में पनाह दी और उनकी जान बचाई. इतना ही नहीं, इस परिवार ने एक महिला पुलिसवाले की भी मदद की.
मुस्लिम परिवार ने घर में दी पनाह-
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुस्लिम परिवार ने पिता-पुत्र और महिला पुलिसकर्मी को घर में शरण दी. इतना ही नहीं, उनको खाना भी खिलाया. घर के बाहर पहरा दिया, ताकि कोई उनको नुकसान ना पहुंचा सके. मुस्लिम परिवार ने हिंदू पिता-पुत्र को मुस्लिम प्रतीकों वाला टी-शर्ट दिया, ताकि वो सुरक्षित घर जा सकें. परिवार ने महिला पुलिसकर्मी को बुर्का दिया और उनको सुरक्षित घर भेजा.
प्रॉपर्टी देखने गए थे पिता-पुत्र-
सोहना के प्रॉपर्टी डीलर करण सिंह और उनका छोटा बेटा विवेक सिंह एक प्लॉट देखने के लिए नूंह के पिनंगवान गए थे. जब वो घर लौट रहे थे तो उन्होंने बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा में शामिल होने का फैसला किया. यह यात्रा नलहर से शिव मंदिर की तरफ जा रही थी. वे दोनों इस यात्रा में कुछ दूर तक साथ चले. लेकिन इस बीच उनपर हमला हो गया.
खाना खिलाया और बुर्का पहनाकर बचाई जान-
करण सिंह और उनका बेटा विवेक सिंह एसयूवी गाड़ी में थे. हमलावरों ने उनको गाड़ी से बाहर खींच लिया और उनकी पिटाई करने लगे. बाप-बेटे जान बचाने के लिए भागने लगे. इस दौरान उनको एक मुस्लिम परिवार ने अपने घर में पनाह दी.
इस मुस्लिम परिवार में 15 सदस्य हैं और सभी एक छत के नीचे रहते हैं. परिवार के लोगों ने पिता-पुत्र को भरोसा दिलाया कि वो सेफ हैं. अभी कुछ ही देर हुआ था कि एक बार फिर दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई. घरवालों ने दरवाजा खोला तो देखा कि एक महिला पुलिसकर्मी पथराव से बचकर आई है. परिवार के लोगों ने उस महिला पुलिसकर्मी को भी घर में जगह दी. इस परिवार ने तीनों पीड़ितों का ख्याल रखा. रिपोर्ट के मुताबिक करण सिंह ने बताया कि इस परिवार ने उनका पूरा ख्याल रखा. उनको खाना खिलाया और उनको फर्स्ट-एड दिया. इतना ही नहीं, इस परिवार ने घर के बाहर पहरा दिया.
मुस्लिम परिवार का नाम बताने से इनकार-
पिता-पुत्र की जोड़ी और महिला पुलिसकर्मी उस घर में करीब 5 घंटे रहे. रिपोर्ट के मुताबिक करण सिंह ने उस मुस्लिम परिवार का नाम बताने से इनकार किया. उनका कहना है कि अगर उन्होंने उनका नाम बताया तो उनको मुस्लिम समाज की तरफ से प्रतिक्रिया का सामना ना करना पड़े. जब करण सिंह अपने बेटे के साथ अपनी गाड़ी के पास लौटे तो वो जलकर खाक हो चुकी थी. गाड़ी के अंदर रखे दस्तावेज और मोबाइल भी जल गया था. इसके बाद पुलिस ने पिता-पुत्र को उनके घर पहुंचाया.
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