scorecardresearch

Sahitya Aaj Tak 2024: गुलज़ार को मिला आजतक साहित्य जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साहित्य आजतक 2024 के मंच पर आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2024 के विजेताओं को सम्मान से नवाजा. आजतक साहित्य जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2024 गुलज़ार साहब को दिया गया.

Sahitya AajTak 2024 Sahitya AajTak 2024

साहित्य आजतक 2024 के मंच पर आठ लेखक-लेखिकाओं को आजतक साहित्य जागृति सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया. सबसे दिलचस्प बात है कि उन्हें यह सम्मान देश के महामहिम राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू के हाथों से मिला. इस मौके पर महामहिम के साथ इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन, कली पुरी भी मौजूद रहीं. कली पुरी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया और आजतक साहित्य जागृति सम्मान के दूसरे एडिशन में आने के लिए धन्यवाद दिया. 

इन रचनाकारों को मिला सम्मान 

1. आजतक साहित्य जागृति उदयीमान लेखिका सम्मान 2024: सिनीवाली, किताब- हेति-सुकन्या अकथ कथा. यह भारतीय पौराणिक पात्र ऋषि च्यवन की पत्नी सुकन्या पर केंद्रित यह उपन्यास है.   

सम्बंधित ख़बरें

2. आजतक साहित्य जागृति उदयीमान लेखक सम्मान 2024: अमरेश द्विवेदी, रंग पुटुसिया. झारखंड के कस्बाई माहौल पर आधारित यह उपन्यास हमारे समाज और इसके बदलते रंगों को सामने रखता है. 

3. आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा प्रतिभा सम्मान 2024: भरत खेनी, राजा रवि वर्मा. यह गुजराती भाषा में प्रकाशित रचना महान चित्रकार राजा रवि वर्मा की जीवनी है.  

4. आजतक साहित्य जागृति लोकप्रिय लेखक सम्मान 2024: यतीन्द्र मिश्र, गुलजार साहब हजार राहें मुड़ के देखी. लेखक गुलज़ार पर आधारित है यह रचना. 

5. आजतक साहित्य जागृति भारतीय भाषा सम्मान 2024: प्रदीप दाश, चरु चीवर और चर्या. उडिया भाषा लिखा यह उपन्यास 8वीं सदी में ओडिशा पर राज करने वाले भौमकर राजवंश की ऐतिहासिक गाथा है. 

6. आजतक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान 2024: शिवमूर्ति, अगम बहै दरियाव. यह किसानों की जिंदगी की मुकम्मल दास्तान है.  

7. आजतक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान 2024: ऊषा प्रियम्वदा, अर्कदीप्त.  यह उपन्यास भारत, जर्मनी, डेनमार्क और अमेरिका जैसे अत्याधुनिक शहरों में फैली प्रेम कथा के विराट को उद्घाटित करता है. 

8. आजतक साहित्य जागृति लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2024: गुलज़ार साहब. गीत, कविता, कहानी, और पटकथा से साहित्य को गुलज़ार करने वाले महान कलाकार गुलज़ार साहब को इस सम्मान से नवाजा गया. 

इस मौके पर गुलज़ार साहब ने सभी विजेता साहित्यकारों को बधाई दी. और उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति के हाथों से अवॉर्ड पाना सम्मान की बात है. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि उन्हें साहित्यकारों से ज्यादा मिलना-जुलना चाहिए. क्योंकि जिस देश की वह महामहिम हैं उस देश के आम लोगों की दास्तान साहित्यकार लिखते हैं.

400 कवियों की रचनाओं का किया अनुवाद 
साहित्य आजतक के मंच पर गुलज़ार ने बताया कि एक बार उनसे छात्रों ने कहा था कि उन्हें जो कविताएं पढ़ाई जाती हैं वे उन्हें रेलेवेंट नहीं लगती हैं. ऐसे में, उन्होंने छात्रों से वादा किया था कि वे उनके लिए आजादी से लेकर अब तक की कविताएं लेकर आएंगे. इसलिए उन्होंने आजादी के बाद से अब तक हिंदुस्तान के 400 कवियों की रचनाओं का अनुवाद किया है. गुलज़ार ने भारत की 34 जुबानों से अनुवाद करके एक किताब तैयार की है. उन्होंने यह किताब राष्ट्रपति के भेंट की. 

समाज को बेहतर बनाते हैं संवेदनशील पुरुष 
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा आजतक साहित्य की पहल की सराहना करते हुए कहा कि जो समाज और संस्थान साहित्यकारों का सम्मान करता है उसका भविष्य मजबूत होता है. उन्होंने गुलजार साहब को बधाई देते हुए कहा कि उनका साहित्य और कला जगत को समर्पित रहे हैं. उन्होंने गुलज़ार साहब की फिल्म, मीरा (1979) का जिक्र किया और कहा कि महिलाओं की भावनाओं को समझने वाले संवेदनशील पुरुष समाज को बेहतर बनाते हैं. 

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि साहित्य आजतक में पुरुस्कृत कृतियों में भारत के अतीत से लेकर वर्तमान का दर्शन है. उन्होंने साहित्य आजतक के मंच के माध्यम से भारत के विभिन्न भाषाओं के साहित्य को लोगों तक पहुंचाने की बात की. उन्होंने कहा कि वंचित वर्गों के साहित्य को भी प्रस्तुत करना चाहिए. साहित्य की सेवा का काम टेक्नोलॉजी के माध्यम से बड़े पैमाने पर कर सकते हैं. बाल साहित्य को समृद्ध करना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि लोगों के दुख दर्द में शामिल होना साहित्य की पहली शर्त है. साहित्य वही है जो समाज को बेहतर बनाए. साहित्य समाज को संजीवनी देता है. साहित्य का सम्मान करना चाहिए. अंत में, उन्होंने गुलज़ार की बात का जवाब देते हुए कहा कि वह साहित्यकारों से मिलती हैं. लेकिन अब वह खुद भी पहल करेंगी और साहित्यकारों का सम्मेलन करेंगी.