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Delhi Firecrackers: दिवाली पर पटाखे नहीं जला पाएंगे दिल्लीवासी...सरकार ने जनवरी तक किया पूरी तरह बैन

Firecrackers Ban in Delhi: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में अगले साल एक जनवरी तक पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर रोक लगा दी गई है. इसकी मुख्य वजह दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण माना जा रहा है.

दिल्ली पटाखा बैन (Reuters) दिल्ली पटाखा बैन (Reuters)
हाइलाइट्स
  • खतरनाक  होती जा रही हवा

  • फेफड़ों के कैंसर का होता है खतरा

दिल्ली में अगले साल 1 जनवरी तक पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर रोक लगा दी गई है.  इसके साथ ही सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर भी पूरी तरह रोक है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बयान में कहा कि प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा,"दिल्ली की जनता को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक है, ताकि लोगों का जीवन बचाया जा सका. इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी रोक रहेगी. यह प्रतिबंध एक जनवरी 2023 तक लागू रहेगा. प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस, डीपीसीसी और राजस्व विभाग के साथ मिलकर एक कार्य योजना तैयार कर रहे हैं.''

खतरनाक  होती जा रही हवा
बता दें कि दिल्ली की हवा धीरे-धीरे खतरनाक होती जा रही है. गुणवत्ता बेहद खराब होने की वजह से सरकार ने ये कदम उठाया है. दिल्ली और आसपास के इलाकों का प्रदूषण स्तर रिकॉर्ड निम्न स्तर के पार चला गया था जिससे  आसपास की हवा और दम घोटू होती जा रही है. पिछले साल दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन दी थी और सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स जलाने की मंजूरी थी, लेकिन बोरियम जैसे खतरनाक रसायन वाले पटाखों पर फिर भी पाबंदी थी.

कितना बढ़ा प्रदूषण?
बता दें कि दिवाली के मौके पर ही साल 2020 में  प्रदूषण का स्तर 339 था, जोकि 14 नवंबर 2020 यानी की दिवाली के 414 हुआ और 15 तारीख को 435 पहुंच गया. इस तरह 2019 में दिवाली 27 अक्टूबर की थी. 26 अक्टूबर को जो प्रदूषण का स्तर 287 था वो 27 अक्टूबर को 337 हो गया जोकि दिवाली के अगले दिन 368 हो गया.
हालांकि पिछली बार भी सरकार के प्रतिबंध के बावजूद नोएडा-दिल्ली के लोगों ने नियमों को ताख पर रखकर जमकर पटाखे फोड़े थे. इसके चलते शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)गंभीर श्रेणी की कगार पर पहुंच गया था. उम्मीद है सरकार इस बार नियमों को सख्ती से लागू करवा पाएगी.

क्या हो सकती हैं बीमारियां?
वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इनमें सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बीमारियां हैं हृदय रोग, स्ट्रोक, सीओपीडी यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज. इसके अलावा फेफड़ों का कैंसर और बच्चों को सांस संबंधित गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.