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IRCTC से ट्रेन टिकट बुक करना IIT Exam पास करने से ज्यादा मुश्किल....NASA वैज्ञानिक को भी आए पसीने....AAP सांसद ने कही बड़ी बातें

मित्तल ने महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम में रेल की भूमिका और विभाजन के दौरान लाखों लोगों की जान बचाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'आज वही रेल पटरी से उतर रही है.'

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राज्यसभा में रेलवे के कामकाज पर चर्चा करते हुए आम आदमी पार्टी के अशोक कुमार मित्तल ने भारतीय रेल की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, 'भारतीय रेल सिर्फ दो शहरों को नहीं जोड़ती, यह भारत के इतिहास को वर्तमान से और वर्तमान को भविष्य से जोड़ती है.' मित्तल ने महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम में रेल की भूमिका और विभाजन के दौरान लाखों लोगों की जान बचाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'आज वही रेल पटरी से उतर रही है.'

उन्होंने कहा कि यह धातु का डिब्बा नहीं, भारत का दिल है. इसी में एक आदमी त्यौहार के मौके पर अपने घर जाता है. छात्र शिक्षा लेने के लिए जाते हैं. इसी ट्रेन ने कुंभ में करोड़ लोगों को प्रयागराज पहुंचाया. 

रेलवे बजट की समस्या
मित्तल ने रेलवे बजट को जनरल बजट के साथ जोड़ने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पहले एक रेलवे का स्वतंत्र बजट होता था, जिससे लोगों को सहूलियतें मिलती थीं. अब इसे जनरल बजट के साथ जोड़ दिया गया है, जिससे सहूलियतें कम हो गई हैं. मित्तल ने रेलवे की वित्तीय हालत पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि रेलवे जितना कमाती है, उससे ज्यादा खर्चा होता है. उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे की कमाई सिर्फ 3000 करोड़ रुपए की है.

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टिकट बुक करना नहीं है आसान 
मित्तल ने टिकट बुक करने से लेकर यात्रा के अनुभव के बारे में कहा. उन्होंने कहा कि कुछ महीनों पहले एक नासा के साइंटिस्ट हिंदुस्तान आए थे. उन्होंने IRCTC से टिकट बुक करनी चाही तो उनका कहना था कि अगर मुझे एक रॉकेट लॉन्च करना हो तो सिर्फ एक कमांड देनी पड़ती है. लेकिन यहां मुझे टिकट बुक कराने के लिए दो ओटीपी और जितना धैर्य मैंने अपनी पीएचडी करने में रखा, उतना धैर्य चाहिए. 

उन्होंने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव पर कटाक्ष करते हुए कह कि हमारे माननीय मंत्री जी IIT से हैं. अगर वे खुद टिकट बुक कराएं तो शायद उन्हें आइआइटी की एंट्रेंस परीक्षा आसान लगेंगी. और वे आईएएस भी रहे हैं तो जितना चांस आईएए की परीक्षा पास करने का होता है उससे कम चांस रेलवे की वेटिंग लिस्ट कंफर्म होने का होता है. रेलवे की वेटिंग लिस्ट की कतार राजधानी एक्सप्रेस से भी लंबी है. साथ ही उन्होंने कहा कि आईआरसीटीसी का सर्वर सेंसक्स से भी ज्यादा बार क्रैश होता है. 

दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या
मित्तल ने रेलवे दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि 2024 के आठ महीनों में 313 यात्री 29 दुर्घटनाओं में मारे गए. उन्होंने मॉडर्न टेक्नोलॉजी और कवर्ड सिस्टम की बात की और कहा कि रेलवे को और सुरक्षित बनाने की जरूरत है. मित्तल ने रेलवे के विस्तार पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, कि हम दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क हैं, लेकिन हमारी आबादी सबसे ज्यादा है. हमें पहला होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के 72 वर्षों में हमने सिर्फ 13,000 किलोमीटर ट्रैक बनाए हैं. 

अशोक कुमार मित्तल ने अंत में सरकार से आग्रह किया कि रेलवे की समस्याओं पर ध्यान दें और इसे और सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएं.