एक्ट्रेस से राजनेता बनीं खुशबू सुंदर ने अपने बचपन को लेकर बड़ा खुलासा किया है. खुशबू सुंदर ने एक यूट्यूब चैनल को बताया कि उनके पिता ने उन्हें फिजिकली और सेक्सुअली एब्यूज किया था. खुशबू ने हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य के तौर पर कार्यभार संभाला है. खुशबू कई फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. उन्होंने रजनीकांत और थलपति विजय के साथ काम किया है.
8 साल में शुरू हुआ था यौन शोषण-
29 सिंतबर 1970 को मुंबई में खुशबू सुंदर का जन्म हुआ था. खुशबू ने 8वीं तक पढ़ाई की है. एक्ट्रेस खुशबू सुंदर ने बताया कि जब वो 8 साल की थीं, तब उनके पिता ने ही उनका यौन शोषण किया था. उसके बाद से ये सिलसिला चलता रहा. उन्होंने बताया कि जब वो 15 साल की थीं, तब उनके खिलाफ बोलने का साहस था. खुशबू बताती हैं कि उनके पिता एक ऐसे आदमी थी, जो सोचते थे कि पत्नी को पीटना और इकलौती बेटी का शोषण करना उनका अधिकार है.
15 साल की उम्र में किया विरोध-
खुशबू बताती हैं कि एक वक्त ऐसा भी आया, जब उनको अपना स्टैंड लेना पड़ा. लेकिन डर के चलते काफी वक्त तक वो खामोश रहीं. उन्होंने बताया कि एक डर जो मेरे साथ रहा वो ये था कि मेरी मां मेरी बात का यकीन नहीं करेंगी, क्योंकि मैंने उन्हें उस तरह के माहौल में देखा है, जहां पति को देवता माना जाता था. लेकिन मैंने इसका विरोध किया. जिसका असर ये हुआ कि उसने मुझे और मेरी मां को छोड़ दिया.
खुशबू सुंदर का फिल्मी करियर-
खुशबू सुंदर ने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. उन्होंने साउथ की फिल्मों में ज्यादा काम किया है. खुशबू ने साल 1980 में 'तेरी है जमीन तेरा आसमान' गाने से हिंदी फिल्म द बर्निंग ट्रेन में बाल कलाकार के तौर पर करियर की शुरुआत की थी. खुशबू ने मेरी जंग फिल्म में अनिल कपूर की बहन की भूमिका निभाई थी. खुशबू जैकी श्रॉफ, गोविंदा, आमिर खान, माधुरी दीक्षित के साथ काम कर चुकी हैं. खुशबू सुंदर ने साल 2021 में रजनीकांत की फिल्म 'अन्नात्थे' में भी एक्टिंग की है. इसके अलावा उन्होंने थलपति विजय की वारिसु में कैमियो किया है.
13 साल से सियासत में हैं खुशबू-
खुशबू सुंदर एक्टिंग के अलावा सियासत में भी एक्टिव हैं. वो पिछले 13 सालों से राजनीति कर रही हैं. अभी हाल ही में मोदी सरकार ने खुशबू को राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया है. खुशबू बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की भी सदस्य हैं. बीजेपी में सक्रिय होने से पहले खुशब कांग्रेस और डीएमके में भी रह चुकी हैं. साल 2010 में पहली बार खुशबू डीएमके में शामिल हुई थीं. लेकिन दो साल बाद ही डीएमके से उनका मोहभंग हो गया. साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया. कांग्रेस ने उनको प्रवक्ता बनाया. लेकिन जल्द ही कांग्रेस से भी उनका मोहभंग हो गया. साल 2020 में खुशबू सुंदर बीजेपी में शामिल हो गईं. साल 2021 में बीजेपी ने उनको तमिलानाडु से विधानसभा का टिकट भी दिया था. लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था.
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