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अब घर में भी उगा सकेंगे केसर, यहां किसानों को दी जा रही ट्रेनिंग 

शोध इकाई की स्थापना की गई थी ताकि किसान नई तकनीकों को सीखें. इससे अर्थव्यवस्था को बढ़त मिलेगी. किसान यहां आते हैं और सीखते हैं.

घर में उगाएं केसर घर में उगाएं केसर
हाइलाइट्स
  • किसानों को सिखाते हैं घर के अंदर केसर की खेती करना.

  • कश्मीरी केसर को जीआई टैग हासिल है.

 जम्मू और कश्मीर के पंपोर में केसर और बीज मसालों के लिए उन्नत अनुसंधान केंद्र, SKUAST-K ने किसानों को घर पर केसर उगाने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है. इस बारे में बात करते हुए सहायक प्रोफेसर नियाज अहमद ने कहा, "हम 4-5 सालों से इनडोर केसर की खेती पर काम कर रहे हैं. यह भूमिहीन किसानों के लिए फायदेमंद है. हम इसे लोकप्रिय बनाएंगे."

प्रोफेसर नियाज अहमद ने बताया, "हाई डेंसिटी, नवीनतम तकनीकों में से एक है जिसे किसानों के लिए पेश किया गया है. इससे केसर के ज्यादा और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन में मदद मिलेगी. हमने किसानों को बारहमासी फसलों के साथ इंटर क्रॉपिंग करने की भी सलाह दी है. हमने किसानों को घर के अंदर केसर की खेती करने के बारे में लेसन दिया है." 

एक कर्मचारी, तौसीफ अहमद ने कहा, "शोध इकाई की स्थापना की गई थी ताकि किसान नई तकनीकों को सीखें. इससे अर्थव्यवस्था को बढ़त मिलेगी. किसान यहां आते हैं और सीखते हैं." केसर की खेती करने वाले एक किसान अब्दुल रशीद ने कहा, "यह बहुत जरूरी था. हम यहां बहुत कुछ सीखते हैं और अपनी दिक्कतों के बारे में चर्चा करते हैं. नई टेक्नोलॉजी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेगी. 

कश्मीरी केसर पुलवामा और बडगाम में उगाया जाता है

पूरी दुनिया में अपनी शुद्धता और गुणवत्ता के लिए मशहूर कश्मीरी केसर मुख्य रूप से घाटी के पुलवामा और बडगाम जिलों में उगाया जाता है. कश्मीरी केसर को जीआई टैग भी हासिल है. कश्मीरी केसर को पूरी दुनिया के बाजारों में पहुंचाने का जिम्मा इंडिया इंटरनेशनल कश्मीर सैफरन ट्रेडिंग सेंटर का होता है. इस सरकारी संस्थान को लोग सैफरन पार्क या स्पाइस पार्क के नाम से भी जानते हैं. इस संस्थान का काम केसर की फसल के उगने के बाद फूल में से केसर को निकालना, उसको सुखाना,उसकी पैकिंग करना और केसर की गुणवत्ता की जांच करना होता है. इंडिया इंटरनेशनल कश्मीर सैफरन ट्रेडिंग सेंटर के ई-ऑक्शन पोर्टल की मदद से केसर उत्पादकों को अपनी फसल बेचने में मदद भी दी जाती है. साल 2020 में केसर की 13 टन से ज्यादा की फसल हुई थी. केसर को दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक माना जाता है. 

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