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22 घंटे बाद कटा हुआ अंगूठा लेकर दुबई से दिल्ली पहुंचा शख्स, डॉक्टरों ने अंगूठा जोड़कर कर दिया नामुमकिन को मुमकिन

यह सर्जरी बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है, जहां पर छोटे-छोटे इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल होता है. अंगूठे की कटी हुई धमनियों के बीच फोरआर्म से नस के एक हिस्से को भी काटना था. पूरी प्रक्रिया माइक्रोस्कोप की मदद से की गई. डॉ आशीष में बताया कि 6 डॉक्टरों की टीम ने लगातार 6 घंटे तक ऑपरेशन किया और ऑपरेशन सफल रहा.

patient's hand after operation patient's hand after operation
हाइलाइट्स
  • आरी से कटा अंगूठा

  • दुबई में बताया 24 लाख का खर्च 

  • खून बह जाने के कारण सर्जरी थी ज्यादा चैलेंजिंग

  • 6 डॉक्टरों की टीम ने लगातार 6 घंटे तक किया ऑपरेशन

  • किसी हिस्से के कट जाने पर आइस बॉक्स में डाल दें

दिल्ली के डॉक्टरों ने एक बार फिर से कमाल कर दिया है और यह साबित कर दिया है कि मेडिकल की दुनिया में अब सबकुछ मुमकिन है. दरअसल, दिल्ली के आकाश हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने एक व्यक्ति के कटे हुए अंगूठे को उसके हाथ से दोबारा जोड़ दिया. यह सुनने में तो नामुमकिन सा लगता है लेकिन डॉक्टरों की टीम ने इसे करके दिखा दिया.

आरी से कटा अंगूठा 

दरअसल, राजस्थान में रहने वाला एक व्यक्ति संदीप कुमार बेहतर जिंदगी और अच्छी नौकरी पाने के लिए दुबई चला गया था. वहां पर वो बढ़ई का काम करने लग गया. कुछ दिन पहले काम करते करते अचानक आरी उसके हाथ पर चल गई और उसका अंगूठा उसके हाथ से अलग हो गया. संदीप यह सब देखकर बहुत घबरा चुका था क्योंकि एक तरफ उसका अंगूठा उसके हाथ से अलग हो चुका था और वहीं दूसरी ओर हाथ से खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था. 

दुबई में बताया 24 लाख का खर्च 

उसके साथी उसे तुरंत अस्पताल ले गए. वहां के अस्पताल में जो ऑपरेशन का खर्च था वह संदीप कुमार नहीं चुका सकते थे और डॉक्टरों का कहना था कि यदि ऑपरेशन 4 घंटे के भीतर नहीं हुआ तो फिर यह ऑपरेशन हो पाना मुश्किल है. 4 घंटे के भीतर 24 लाख जुटा पाना मुश्किल था इसलिए उनके परिवार ने निर्णय लिया कि उसका भारत में इलाज कराया जाएगा. 18 घंटे का सफर तय कर संदीप अपने परिवार के साथ दुबई से दिल्ली के आकाश अस्पताल पहुंचे जहां पर डॉक्टरों की टीम उनका इलाज करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी.

खून बह जाने के कारण सर्जरी थी ज्यादा चैलेंजिंग

6 डॉक्टरों की टीम ने मिलकर यह ऑपरेशन शुरू किया. आकाश हॉस्पिटल के एमडी डॉ आशीष चौधरी ने कहा कि अंगूठा हमारी हथेली का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, हम 45 प्रतिशत कामों में  इसका इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि खून बह जाने और पेशेंट के लेट हो जाने के कारण यह सर्जरी और भी ज्यादा चैलेंजिंग थी. ऐसे केसेस बहुत ही कम होते हैं जहां पर एक लंबा समय बीत जाने के बाद किसी भी अंग को ठीक उसी तरह जोड़ा गया हो जैसा वह पहले था.

6 डॉक्टरों की टीम ने लगातार 6 घंटे तक किया ऑपरेशन

यह सर्जरी बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है, जहां पर छोटे-छोटे इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल होता है. अंगूठे की कटी हुई धमनियों के बीच फोरआर्म से नस के एक हिस्से को भी काटना था. पूरी प्रक्रिया माइक्रोस्कोप की मदद से की गई. डॉ आशीष में बताया कि 6 डॉक्टरों की टीम ने लगातार 6 घंटे तक ऑपरेशन किया और ऑपरेशन सफल रहा. इलाज करवाने वाले संदीप कुमार कहते हैं कि वे लगभग मान ही चुके थे कि उनका अंगूठा उनके हाथ से अलग हो चुका है और कभी जुड़ नहीं पाएगा. लेकिन डॉक्टरों के विश्वास और मेहनत ने  उनकी उम्मीदों को वापस जगाया.

किसी हिस्से के कट जाने पर आइस बॉक्स में डाल दें 

डॉ आशीष ने बताया कि आम लोगों के लिए जानना जरूरी है कि यदि आपके शरीर का कोई भी अंग किसी भी कारण से कट जाता है तो फिर उसे बर्फ के अंदर या आइस बॉक्स में रख देना चाहिए, इससे उस अंग के टिशू खराब नहीं होते और 24 घंटे के अंदर सर्जरी संभव हो पाती है. साथ ही यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि कटे हुए हिस्से को बर्फ के कंटेनर में डायरेक्ट ना रखें. कटे हुए हिस्से को पहले किसी पॉलिथीन में डाल दें और फिर उस पॉलिथीन को आइस बॉक्स में रखें. संदीप ने ऐसा ही किया जिसकी वजह से घटना के 22 घंटे बाद भी उनका अंगूठा उनके हाथ से जुड़ गया.