रेलवे पहली बार यात्रियों के लिंग और उम्र के आधार पर वंदे भारत ट्रेनों की मांग की निगरानी कर रहा है. मध्य रेलवे की तरफ से इक्ट्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार, मुंबई से शुरू होने वाली वंदे भारत में यात्रा करने वाले यात्रियों में सबसे ज्यादा संख्या 31-45 वर्ष की आयु वर्ग की है, उसके बाद 15-30 वर्ष की आयु के लोग हैं. रिपोर्ट बताती हैं कि वंदे भारत के लॉन्च होने के बाद से हवाई यात्रा पर असर पड़ता नजर आ रहा है. इन ट्रेनों के आने के बाद से एयर टिकटों में गिरावट दर्ज की गई है.
रेलवे के आंकड़ों में सेंट्रल रेलवे के चार मार्गों पर चल रही वंदे भारत में मुंबई से शिरडी, गोवा और सोलापुर शामिल हैं. इन ट्रेनों का 15 सितंबर से 13 अक्टूबर तक का डेटा जुटाया गया था. इस दौरान 85 हजार 600 पुरुष, 26 ट्रांसजेंडर, 57 हजार 838 महिला यात्रियों ने सफर किया.
कितना पड़ा असर
सेंट्रल रेलवे के मुख्य पीआरओ, शिवराज मानसपुरे ने कहा, “इस अवधि के दौरान बच्चों (1-14 वर्ष) की औसत व्यस्तता लगभग 5% थी, जबकि वंदे भारत में कुल यात्रियों में ट्रांसजेंडरों का योगदान 4.5% था. उद्योग के अनुमान के अनुसार, वंदे भारत ट्रेनों के लॉन्च के बाद एयर ट्रैफिक में 10-20 फीसदी की भारी गिरावट आई है और हवाई किराए में 20% -30% की गिरावट आई है. रेलवे लगातार वंदे भारत की लोकप्रियता बढ़ाने और यात्रियों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है. आंकड़े बताते हैं कि देश में अभी 34 मार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही हैं.
जल्द आएगी स्लीपर वंदे भारत
रेलवे वंदे भारत ट्रेनों को और अधिक लोकप्रिय बनाने और यात्रियों की संख्या बढ़ाने के तरीके खोजने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. मुंबई से शिरडी, मडगांव और सोलापुर तक इन वंदे भारत ट्रेनों के अंदर सितंबर में ऑक्यूपेंसी का हालिया डेटा 77% -101% के बीच है. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि किसी भी ट्रेन की ऑक्यूपेंसी पूरे रूट के विभिन्न स्टेशनों से चढ़ने वाले यात्रियों पर निर्भर करती है और इसलिए यह 100% को भी पार कर जाती है.रेलवे अब लंबी दूरी के लिए भी नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन लॉन्च करने के प्लान में है. इस पर काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही हम नई स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर कर पाएंगे जिसकी तस्वीर पिछले दिनों शेयर की गई थी. ये ट्रेनें अगले साल आ सकती हैं.