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Qatal ki Raat: 9 मिसाइलें तैयार, PM Modi का Imran Khan से बात करने से इनकार... उस 'कत्ल की रात' की कहानी, जब Pakistan पर हमले के लिए तैयार था India

पुलवामा हमले के बाद भारत पाकिस्तान पर हमले के लिए पूरी तरह से तैयार था. पाकिस्तान की तरफ 9 मिसाइलें तैनात कर दी गई थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान से बात करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद इमरान खान ने संसद में विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई का ऐलान किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने हमला किया था. उसके बाद भारतीय सेना पाकिस्तान पर हमले के लिए पूरी तरह से तैयार थी. 9 मिसाइलें पाकिस्तान की तरफ तैनात कर दी गई थी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी को फोन किया. लेकिन प्रधानमंत्री ने बात करने से इनकार कर दिया था. इसका जिक्र पाकिस्तान में तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी किताब 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' है.

कत्ल की रात की कहानी-
ये कहानी उस रात की है, जिसे पीएम मोदी ने खुद 'कत्ल की रात' बताया था. ये रात 27 फरवरी 2019 की थी, जब भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान के कब्जे में थे. कभी भी भारत के हमले के कयास लगाए जा रहे थे. अजय बिसारिया ने अपनी किताब में इस वाक्ये का जिक्र किया है.

पीएम मोदी का इमरान खाने से बातचीत से इनकार-
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बिसारिया ने किताब में खुालसा किया है कि आधी रात को पाकिस्तान के तत्कालीन उच्चायुक्त सोहेल महमूद का फोन आया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करना चाहते हैं. बिसरिया ने दिल्ली में लोगों से बातचीत की और सोहेल महमूद के पास गए. बिसरिया ने महमूद से कहा कि पीएम मोदी उस समय उपलब्ध नहीं थे और कोई भी जरूरी खुद संदेश उच्चायुक्त को दिया जा सकता है. उस रात को महमूद ने दोबारा बिसरिया से बात नहीं की.

28 फरवरी को अभिनंदन की रिहाई-
अगले दिन 28 फरवरी 2019 को इमरान खान ने संसद में अभिनंदन के रिहाई का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि शांति के हित में मोदी को फोन करने की कोशिश की थी, लेकिन इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया. पाकिस्तान ने भारतीय पायलट की रिहाई को शांति का संकेत बताया. लेकिन भारत और पाकिस्तान में अमेरिका और ब्रिटेन के दूतों समेत पश्चिमी राजनयिकों ने इस्लामाबाद को बताया कि पायलट को नुकसान पहुंचाने पर हालात कितने खराब हो सकते थे. भारत की धमकी के बाद पाकिस्तान असल में डरा हुआ लग रहा था. 26 फरवरी की घटनाओं के बाद पाकिस्तान ने इनमें से कुछ राजनयिकों को लगातार तीन बार तलब किया था.

विदेश सचिव को कई बार फोन आया-
इनमें से कुछ राजदूतों ने रात में कई बार भारत के विदेश सचिव को फोन किया और बताया कि पाकिस्तान ना सिर्फ अभिनंदन को रिहा करने को तैयार है, बल्कि भारत के पुलवामा डोजियर पर कार्रवाई करने और आतंकवाद के मुद्दे पर बात करने के लिए भी तैयार है. उन्होंने बताया कि इमरान खान अगले दिन संसद में इसका ऐलान करेंगे. बिसारिया के मुताबिक उन्होंने ना सिर्फ पाकिस्तानी राजनयिक, बल्कि GHQ रावलपिंडी को भी भारत ने कड़ा संदेश दे दिया था.

डर गया था पाकिस्तान-
बिसरिया ने खुलासा किया कि भारत के हमले के खतरे से पाकिस्तान डर गया था. जंजुआ ने अभिनंदन के पकड़े जाने के बाद भारत की मांगों पर चर्चा के लिए 27 फरवरी को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी दूतों सो बुलाया था. बैठक के दौरान शाम करीब 5.45 बजे जंजुआ ने सेना का एक संदेश पढ़ने के लिए बातचीत रोक दी कि भारत के पास पाकिस्तान की ओर 9 मिसाइलें हैं, जिनको उस दिन कभी भी लॉन्च किया जा सकता है. उन्होंने दूतों से इस जानकारी को अपनी राजधानियों में रिपोर्ट करने और भारत पर तनाव ना बढ़ाने के लिए दबाव डालने को कहा. इनमें से एक दूत ने उनसे इसे सीधे भारत के साथ उठाने के लिए कहा, इसके बाद भारतीय कार्यवाहक उच्चायुक्त को भी बुलाया गया. इसके बाद इमरान खान ने पीएम मोदी से बात करने की कोशिश की.

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