सोमवार का दिन भारत की रक्षाशक्ति से लिहाज से शानदार रहा. भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी ताकतवर मिसाइल अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया. अग्नि-4 का सफल परीक्षण भारत की ‘विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता’ की नीति की पुष्टि करता है. पहले भी कई बार इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है. अग्नि-4 मिसाइल को DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने मिलकर बनाया था.
जानें मिसाइल की खासियत
अग्नि 4 मिसाइल 4000 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है. अग्नि सीरीज की मिसाइल में यह चौथी मिसाइल है.
अग्नि 4 मिसाइल डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जा सकती है. ये छोटे से छोटे टारगेट पर भी सटीक वार करने की क्षमता रखती है.
ये मिसाइल 20 मीटर लंबी है, और इसका वजन 17 टन है. इस मिसाइल में पांचवी पीढ़ी के ऑन बोर्ड कंप्यूटर है, इसमें उड़ान की गड़बड़ी को ठीक करने और नेविगेशन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं.
इस मिसाइल में तीन तरह के हथियार ले जाने की क्षमता है. जिनमें- पारंपरिक, थर्मोबेरिक और स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर वेपन शामिल हैं.
अग्नि 4 मिसाइल 900 किलोमीटर की ऊंचाई तक सीधी उड़ान भर सकती है.
यह मिसाइल 3000 डिग्री सेल्सियस का तापमान सहते हुए वायुमंडल के अंदर प्रवेश कर सकती है. भविष्य में यह मिसाइल भारतीय सेना को और अधिक मजबूती देगी.
इस मिसाइल के पास जमीन से जमीन पर मार करने की क्षमता है. इसका निशाना अचूक है. यह 20 मिनट में ही दुश्मन का खात्मा कर सकती है.
इस मिसाइल के रहते हुए दुश्मन देश भारत में न्यूक्लियर वैपन के इस्तेमाल के बारे में सोच भी नहीं सकता.