भारतीय नौसेना में 1 जुलाई को अग्निपथ भर्ती योजना के लिए पंजीकरण शुरू किया. ये बताया जा रहा है कि रजिस्ट्रेशन शुरू होने के बाद महज 3 दिनों के अंदर ही लगभग 10,000 महिलाओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. बता दें कि रजिस्ट्रेशन के बाद ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 15 जुलाई से शुरू होकर 30 जुलाई तक चलेगी.
ये पहली बार है जब भारतीय महिलाएं नौसेना में शामिल हो रही हैं. महिलाओं को युद्धपोतों पर भी तैनात किया जाएगा. हालांकि, नौसेना ने अभी तक 3000 नौसैनिकों में से महिलाओं की संख्या को अंतिम रूप नहीं दिया है. बता दें कि नौसेना पहले साल (2022) में 3000अग्निवीरों की भर्ती करेगी.
रविवार तक 10,000 महिला उम्मीदवारों ने करवाया पंजीकरण
सरकारी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "रविवार तक लगभग 10,000 महिला उम्मीदवारों ने अपना पंजीकरण कराया था". बता दें कि 21 नवंबर को भारतीय नौसेना के नाविकों के लिए आईएनएस चिल्का में बुनियादी प्रशिक्षण की शुरूआत होने जा रही है. इस प्रशिक्षण में महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी जाएगी.
नौसेना के अधिकारी इस सिलसिले में कहते हैं कि "नौसेना की अग्निपथ योजना पूरी तरह से जेंडर अनबायस्ड है. अब समुद्र से लेकर धरती पर युद्ध के क्षेत्र में महिलाओं की तैनाती होगी.
1992 से अधिकारी रैंक पर सेना में शामिल हो रही हैं महिलाएं
बता दें कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति की शुरुआत साल 1992 से अधिकारी रैंक पर होनी शुरू हुई. साल 2019-20 में भारतीय सेना ने पहली बार दूसरे रैंकों में महिलाओं की भर्ती की शुरूआत की. नतिजतन 100 महिला जवान वर्तमान में कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) हैं.
पहले 17 फिर 23 की गई अग्निवीरों की उम्र
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को तीनों सेना प्रमुखों की मौजूदगी में अग्निपथ योजना में साढ़े 17 साल की उम्र में युवाओं की सशस्त्र सेवाओं में भर्ती का प्रावधान किया. बाद में केन्द्र सरकार ने आयु सीमा बढ़ा कर 23 वर्ष कर दिया.
कई राज्यों में अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं. विरोध की वजह लोगों में इस योजना को लेकर कई तरह की आशकाएं हैं. सरकार लोगों की आशकांओं को दूर करने लिए कोशिशें भी कर रही है.
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी 14 जून को अग्निपथ योजना को मंजूरी दी थी और इस योजना के तहत चुने गए युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा.