तमाम विरोधों के बीच अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. एयरफोर्स में अग्निवीरों की भर्ती का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है. अग्निवीर बनने के इच्छुक युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया है. एयरफोर्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. careerindianairforce.cdac.in पर जाकर युवा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 5 जुलाई 2022 है.
एयरफोर्स में अग्निवीर बनने के इच्छुक युवाओं से जीएनटी की टीम ने बात की और इस योजना के लेकर उनकी सोच जानने की कोशिश की. युवाओं में अग्निवीर बनने के लिए उत्साह है. युवा चाहते हैं कि जल्द से जल्द वो फोर्स का हिस्सा बनें. युवा इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं.
बेटे को फौजी बनाने का सपना देखता है किसान-
करन अग्निपथ योजना को लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है. करन एक किसान परिवार से आते हैं. उनका कहना है कि उनके पिता किसान हैं और बचपन से उनको फौजी बनने के लिए मोटिवेट किया है. करन ने बताया कि पिता का सपना है कि उनका बेटा फौज में जाए. उन्होंने कहा कि मैं एक मिडिल क्लास परिवार से आता हूं. हमारे यहां हर तरह की सुविधाएं नहीं मिलती हैं. लेकिन पिता ने पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी. उन्होंने बचपन से ही मेरे दिमाग में ये बात डाल दी थी कि मुझे फौज में जाना है.
पिता स्टोर मैनेजर, बेटा बनेगा अग्निवीर-
एयरफोर्स में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है. जीएनटी की टीम ने अग्निवीर बनने को लेकर उत्साहित आशुतोष से मुलाकात की. आशुतोष ने भी पहले दिन ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है. आशुतोष का कहना है कि उनके पिता एक छोटी सी कंपनी में स्टोर मैनेजर हैं. महंगे स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई के लिए उनके पास सुविधा नहीं है. आशुतोष बताते हैं कि उनका सपना है कि मैं देश की सेवा करूं और फौज में जाऊं. अच्छी बात ये है कि पिता ने हमेशा मुझे सपोर्ट किया है. आशुतोष का कहना है कि अग्निवीर के जरिए हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.
फिल्म से फौज में जाने का मन बनाया-
फौज में जाने का जयंती का सपना भी बड़ा है. जयंती कहती हैं कि एक लड़की होने के नाते उसके घर में कोई राजी नहीं था. लेकिन नाना फौज में थे, जिससे उनको प्रेरणा मिली. जयंती कहती हैं कि फिल्में देखकर भी फौज में जाने के लिए मोटिवेट हुईं. उनका कहना है कि नाना के बाद कोई फौज में नहीं गया. लेकिन मुझे लगता है कि हर घर से कोई ना कोई सेना में होना ही चाहिए. अग्निपथ योजना के विरोध के सवाल पर जयंती ने कहा कि हमें सकारात्मक रुप से 75 पर्सेंट पर नहीं, 25 पर्सेट पर फोकस करना चाहिए.
यह सभी बच्चे कॉम्पटीशन एग्जाम की तैयारी के लिए कोचिंग करते हैं. कोचिंग चलाने वाली नेहा कहना है कि शुरुआत में अग्निवीर योजना को लेकर बच्चों में बहुत कंफ्यूजन था. लेकिन उनकी काउंसलिंग हुई तो बच्चों की शंकाएं दूर हुई. नेहा बताती हैं कि हमें लगता है कि 4 साल के बाद भी बच्चों के लिए बहुत सारे बेहतर करियर ऑप्शन होंगे.
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