तिरुवनंतपुरम के पोडिकोणम की रहने वाली अग्रिमा नायर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कोच्चि से लद्दाख तक अकेले साइकिल अभियान पर निकल रही हैं. पांच साल पहले, 30 वर्षीय अग्रिमा ने चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी से मॉलिक्यूलर न्यूरोसाइंस में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की थी. यह वही समय था जब उन्होंने योग को चुना था.
भारत के कई हिस्सों में कर चुकी हैं यात्रा
अग्रिमा नायर कहती हैं कि अपनी पीएचडी की पढ़ाई के दौरान, उन्हें तनाव और कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा. उनके दोस्त उन्हें एक योग गुरु के पास ले गए. कुछ समय के बाद उन्हें खुद में पॉजिटिव बदलावों का अनुभव होने लगा. अग्रिमा ने फिर मणिपाल विश्वविद्यालय से योग थेरेपी में मास्टर डिग्री ली. भारतीय योग संघ की सदस्य के रूप में, वह भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर यात्रा कर चुकी हैं और आगे भी करेंगी.
इन राज्यों को कवर करेंगी अग्रिमा
अग्रिमा बताया कि वह योग थेरेपी पर ध्यान केंद्रित करती हैं, विशेष रूप से शारीरिक के साथ-साथ मानसिक परेशानियों का सामना करने वाले लोगों को योग करना चाहिए. वह योग को लोकप्रिय बनाने के लिए अपनी पहली साइकिल यात्रा को लेकर काफी उत्सुक हैं. उन्हें आज वडुथला के चिन्मय विद्यालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा. एग्रीमा कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और नई दिल्ली को कवर करेंगी.
अग्रिमा अपनी साइकिल को 'चक्रिका' कहती हैं, जिसका मतलब है दिव्य चक्र या चक्र वाली देवी दुर्गा. उन्होंने बताया कि चक्र एक संस्कृत शब्द है जो मानव शरीर के विभिन्न हिस्सों और योग से जुड़ा हुआ है.
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