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Ahmedabad Serial Blast: अहमदाबाद ब्लास्ट में 38 दोषियों को फांसी 11 को उम्रकैद, जानिए 14 साल पहले क्या हुआ था

Ahmedabad Serial Bomb Blasts Case Verdict अहमदाबाद में 2008 के सीरियल ब्लास्ट केस में आज विशेष अदालत में सजा का ऐलान करते हुए 49 में से 38 दोषियों को मौत की सजा और 11 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Security personnel outside the special court in Ahmedabad. (File photo) Security personnel outside the special court in Ahmedabad. (File photo)
हाइलाइट्स
  • 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए थे सीरियल बम ब्लास्ट

  • 49 आरोपियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई, 11 को उम्रकैद

साल 2008 में अहमदाबाद में हुए सीर‍ियल बम धमाकों के दोषियों को 14 साल बाद सजा सुनाई गई है. गुजरात की विशेष अदालत ने इस सीरियल बम ब्लास्ट के 38 दोषियों को सजा-ए-मौत दी है. वहीं 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने पिछले मंगलवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और 49 लोगों को दोषी करार दिया था. बता दें कि इससे पहले केवल राजीव गांधी हत्याकांड ही ऐसा मामला था, जिसमें एकसाथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी 

78 में से 29 बरी और एक बना सरकारी गवाह

8 फरवरी को अहमदाबाद सिविल कोर्ट ने 78 में से 49 आरोपियों को UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत दोषी करार दिया था. इनमें से एक दोषी अयाज सैयद सरकारी गवाह बन गया था इसके बाद उसे बरी कर दिया गया था. 29 आरोपी सबूतों की कमी की वजह से बरी हो चुके हैं. फैसले के वक्त कोर्ट ने धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को एक लाख, गंभीर घायलों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपए की मदद पहुंचाने का भी हुक्म दिया गया है. 

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट- क्या हुआ था उस

वो 26 जुलाई 2008 की तारीख थी. गुजरात के अहमदाबाद शहर में 70 मिनट के अंदर एक के बाद एक करके 21 बम धमाके हुए थे. इन 70 मिनट के सिलसिलेवार बम धमाकों से अहमदाबाद दहल उठा था. 56 लोगों के मारे जाने के साथ 200 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. इन धमाकों की ज़िम्मेदारी इंडियन मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी आतंकवादी संगठनों ने ली थी. हमले के बाद गुजरात एटीएस यानी आतंकवाद निरोधी दस्ते ने धमाकों के संदिग्ध नौ लोगों के अलावा मुफ़्ती अबू बशीर को गिरफ्तार किया. इस धमाके के लगभग आठ साल बाद यानी साल 2016 में एक और अभियुक्त, नासिर रंगरेज को भी गिरफ्तार किया गया था. धमाकों के फ़ौरन बाद गुजरात के सुरेंद्रनगर ज़िले से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें हुसैन इब्राहीम, हासिल मोहम्मद और अब्दुल क़ादिर शामिल हैं. इन धमाकों के सिलसिले में दायर की गई चार्जशीट में सिमी के मुफ़्ती बशर, सफ़दर मंसूरी और सफ़दर नागोरी के अलावा 50 और लोगों को अभियुक्त बनाया गया.   

78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे से हुई थी शुरुआत

अदालत की तरफ से सभी 35 FIR को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसंबर 2009 में 78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत हुई थी. बाद में इस धमाके के सिलसिले में चार और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उनका मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.  मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 1100 गवाहों की जांच की. सरकारी वकीलों में एचएम ध्रुव, सुधीर ब्रह्मभट्ट, अमित पटेल और मितेश अमीन, जबकि बचाव पक्ष से एमएम शेख और खालिद शेख वगैरह शामिल रहे.

 

गोधरा कांड के जवाब में किए गए थे ब्लास्ट!

इस हमले के कुछ मिनट पहले टेलीविजन चैनलों और मीडिया को एक ई-मेल मिला था, इस ई-मेल के मुताबिक पर इंडियन मुजाहिदीन (IM) ने धमाकों की चेतावनी दी थी. बताया ये भी गया था कि इसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोग भी शामिल थे. पुलिस का मानना था कि IM के आतंकियों ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के जवाब में ये धमाके किए. इस मामले के एक और आरोपी यासिन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाने की तैयारी में है.

बाटला एनकाउंटर में ग‍िरफ्तार क‍िए गए थे 4 आरोपी
 
इन 38 लोगों में चार दोषी ऐसे हैं जिन्हें दिल्ली के बाटला एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया गया था. अहमदाबाद ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाए इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी शकील, मोहमद सैफ, जिशान अहमद उर्फ राहुल, जिया उर रहमान दिल्ली से अहमदाबाद बम प्लांट करने गए थे. इन आतंकियों को बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार करके दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने साल 2008 में दिल्ली में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का खुलासा किया था. ब्लास्ट हाउस एनकाउंटर के दौरान दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे जबकि 2 आतंकी मोहम्मद आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद को स्पेशल सेल की टीम ने मार गिराया था. 

8 की तलाश अभी भी जारी

इस धमाके के सिलसिले में देश के अलग-अलग शहरों से कुल 78 लोग गिरफ्तार किए गए थे. सूरत में 15 और अहमदाबाद में 20 शिकायतें दर्ज की गई थीं. बता दें कि पुलिस अभी भी ब्लास्ट में शामिल  बाकी आठ अन्य की तलाश  कर रही है. सीरियल बलास्ट का मास्टर माइंड यासीन भटकल दिल्ली की जेल में, जबकि अब्दुल सुभान उर्फ तौकीर कोचिन की जेल में बंद है.