नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने शुक्रवार एयर इंडिया (Air India)पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. किसी भी एयरलाइन पर ये अब तक का सबसे भारी जुर्माना है. ये फैसला इस संबंध में लिया गया जब एक यात्री ने सह-यात्री पर कथित तौर पर पेशाब कर दिया था. इसके अलावा एयरलाइन के इन-फ़्लाइट सेवाओं के निदेशक पर 3 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. देश के एविएशन रेगुलेटर ने भी पायलट-इन-कमांड को तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है.
जारी हुआ था नोटिस
यह कार्रवाई एयर इंडिया द्वारा गुरुवार को डीजीसीए के कारण बताओ नोटिस का लिखित जवाब देने के बाद आई है, जिसमें पूछा गया है कि संबंधित अधिकारियों, पायलटों और केबिन क्रू के खिलाफ उनके नियामक दायित्वों की अवहेलना के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है. मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक, एविएशन रेगुलेटर एयर इंडिया के जवाब से असंतुष्ट था.
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के आज के आदेश की प्राप्ति में हैं और उसी का अध्ययन कर रहे हैं. हम अपनी रिपोर्टिंग में कमियों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रासंगिक कदम उठा रहे हैं कि उनका समाधान किया जाए. हम अनियंत्रित यात्रियों से जुड़ी घटनाओं से निपटने के लिए अपने चालक दल की जागरूकता और नीतियों के अनुपालन को भी मजबूत कर रहे हैं. एयर इंडिया अपने यात्रियों की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है.”
हर तरफ हो रही थी आलोचना
बता दें कि 26 नवंबर 2022 को न्यूयार्क से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के विमान में यात्री शंकर मिश्रा ने एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दिया था. इसके बाद शख्स के खिलाफ दिल्ली पुलिस के कहने पर आव्रजन ब्यूरो ने लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया था. 4 जनवरी को न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान के बीच हुई घटना के प्रकाश में आने के बाद से एयर इंडिया की आलोचना हो रही है. एयरलाइन पर समय पर मामले की रिपोर्ट नहीं करने का आरोप लगाया गया है, इसके अलावा घटना के एक महीने से अधिक समय बाद शिकायत दर्ज करने को लेकर भी प्रशासन सख्त नजर आया.
डीजीसीए ने एयर इंडिया के प्रबंधक, एयरलाइन की उड़ान सेवाओं के निदेशक, उसके पायलटों और उड़ान में केबिन क्रू को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसने लागू DGCA नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (CAR)के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया. DGCA ने कहा कि उसने विमान नियम, 1937 के नियम 141 और लागू DGCA CAR के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए तीन महीने की अवधि के लिए उक्त उड़ान के पायलट के लाइसेंस को भी निलंबित कर दिया.
पायलट को भी सजा
डी-रोस्टर्ड पायलट तीन महीनों तक उड़ान भरने में सक्षम नहीं होगा, जो कि कथित अपराधी के मामले में भी है. एक वरिष्ठ पायलट ने कहा कि दोनों द्वारा की गई गलती समान स्तर की सजा पाने के लिए समान नहीं थी. नाम ना बताने के अनुरोध पर एक एयरलाइन अधिकारी ने आरोप लगाया है कि लैंडिंग के तुरंत बाद इन-फ़्लाइट सेवाओं के प्रमुख को घटना के बारे में सूचित किया गया था, जबकि इन-फ़्लाइट सेवाओं के निदेशक को सूचित नहीं किया गया था.
पेशाब करने के मामले में आरोपी शंकर मिश्रा पर एयर इंडिया ने गुरुवार को चार महीने की उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया. मिश्रा 26 नवंबर को एयर इंडिया की एक फ्लाइट के बिजनेस क्लास में न्यूयॉर्क से नई दिल्ली की यात्रा कर रहे थे, जब उन्होंने एक बुजुर्ग महिला सह-यात्री पर कथित तौर पर पेशाब कर दिया था.महिला की शिकायत के आधार पर चार जनवरी को मिश्रा के खिलाफ दिल्ली मेंदर्ज की गयी थी FIR दर्ज की गई थी. दो दिन बाद शंकर मिश्रा को बेंगलुरू से गिरफ्तार कर लिया गया था. दिल्ली की एक अदालत द्वारा पिछले हफ्ते उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद मिश्रा फिलहाल जेल में हैं.