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Maharashtra की राजनीति में बड़ा उलटफेर, Ajit Pawar शिंदे-बीजेपी सरकार में बने डिप्टी सीएम, NCP के ये नेता भी बने मंत्री

Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar: महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है. एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी गठबंधन वाली शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. अजित पवार ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ले ली है. पवार राज्य के दूसरे डिप्टी सीएम बन गए हैं.

Ajit Pawar Ajit Pawar
हाइलाइट्स
  • एनसीपी नेता अजित पवार बीजेपी गठबंधन वाली शिंदे सरकार में शामिल

  • छगन भुजबल ने भी ली मंत्री पद की शपथ

महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला. शरद पवार की एनसीपी को छोड़कर अजित पवार शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए. उन्होंने दोपहर में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अजित पवार राज्य के दूसरे डिप्टी सीएम बने हैं. इसके साथ ही छगन भुजबल ने भी मंत्री पद की शपथ ली. शिंदे कैबिनेट की मौजूदगी में दिलीप वलसे पाटिल, धनंजय मुंडे, हसन मुशरीफ ने मंत्री पद की शपथ ली. अदिति तटकरे, धर्मराव आत्राम को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली. राज्य के नवनिर्वाचित उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुणे दफ्तर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. 

चार साल में तीसरी बार डिप्टी सीएम बने अजित पवार

अजित पवार ने 2019 में देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेकर उपमुख्यमंत्री बने थे. महज तीन दिन में ये सरकार गिर गई थी. इसके बाद अजित पवार महाविकास आघाड़ी सरकार में दोबारा उपमुख्यमंत्री बने. अब फिर 2023 में तीसरी बार उपमुख्यमंत्री बने हैं.

'डबल इंजन सरकार अब ट्रिपल इंजन बन गई है'

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि अब हमारे पास एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं. डबल इंजन सरकार अब ट्रिपल इंजन बन गई है. महाराष्ट्र के विकास के लिए मैं अजित पवार और उनके नेताओं का स्वागत करता हूं. अजित पवार का अनुभव महाराष्ट्र को मजबूत करने में मदद करेगा.

40 विधायकों के समर्थन का दावा

अजित पवार अपने समर्थक विधायकों समेत राजभवन पहुंचे थे. वहीं दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी के नेता भी राजभवन पहुंचे थे. शपथ को लेकर राजभवन में बाकायदा तैयारियां की गई थी. अजित पवार के साथ तकरीबन 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है. हैरत की बात यह है कि शरद पवार के करीबी प्रफुल पटेल, दिलीप वलसे पाटिल भी राजभवन में मौजूद थे.

कैसे पलट गया खेल

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित पवार ने रविवार को अपने आवास पर बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने अपने समर्थन को परखा. इसके बाद वे राजभवन पहुंच गए, जहां उनके साथ 40 और विधायकों के समर्थन का दावा किया गया. ऐसे में एनसीपी के कुल 53 विधायकों में से एक बड़ा हिस्सा अजित पवार के साथ चला गया है. 

एनसीपी के अस्तित्व पर भी खतरा

अजित पवार की इस बगावत के साथ ही एनसीपी को पार्टी के तौर पर भी बड़ा झटका लग सकता है. शरद पवार के पास बचे संख्याबल के असली एनसीपी के तौर पर पहचान बना पाना काफी मुश्किल हो सकता है. यदि अजित पवार एनसीपी पर दावा करते हैं तो शरद पवार के लिए सियासी चुनौती खड़ी हो सकती है और उनके नेतृत्व वाली एनसीपी के अस्तित्व पर भी खतरा पैदा हो सकता है.

अवसर नहीं दिए जाने पर थे असंतुष्ट

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में काम करने का अवसर नहीं दिए जाने के बाद अजित असंतुष्ट थे. अप्रैल 2023 में अजित पवार ने मुख्यमंत्री बनने की चाहत दिखाई थी. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और 2024 में क्यों, अभी भी सीएम पद के दावेदार हैं. उसके साथ-साथ उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाए थे कि 2004 में जब एनसीपी की कांग्रेस से ज्यादा सीटें आई थीं, तब पार्टी ने उन्हें सीएम पद देने का मौका गंवा दिया था.