
बहुजन समाज पार्टी (BSP) से आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाए जाने और पार्टी से निकाले जाने के बमुश्किल महीने भर गुजरे हैं. लेकिन उनकी पार्टी में वापसी हो गई है. आकाश आनंद ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. इसके बाद मायावती ने सार्वजनिक तौर पर माफ कर देने का ऐलान किया गया.
आकाश आनंद ने मांगी माफी-
बीएसपी की सोशल मीडिया पर अचानक ही रविवार शाम तब सरगर्मियां बढ़ गई, जब X पर एक के बाद एक चार पोस्ट आकाश आनंद ने डाले. आकाश आनंद ने अपने पोस्ट में पूर्व सीएम मायावती से गलती के लिए क्षमा याचना करते हुए लिखा कि उनसे गलती हो गई है, वो मायावती को अपना एकमात्र गुरु और आदर्श मानते हैं, अब वह अपनी किसी नातेदार, रिश्तेदार या फिर सलाहकार की बातों में नहीं आएंगे और सबसे दूरी बनाकर अपनी पूरी श्रद्धा बहन जी और बसपा में रखते हैं. एक पोस्ट में आकाश आनंद ने मायावती से अपील करते हुए लिखा कि उनसे गलती हो गई है, उन्हें क्षमा करें.
मायावती ने दी माफी-
इसके कुछ देर बाद मायावती का एक X पोस्ट आया, जिसमें उन्होंने अपनी दरियादिली दिखाते हुए आकाश आनंद को माफ कर देने का ऐलान किया. लेकिन यह भी साफ किया कि उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा, वह इस बात पर अटल हैं और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को कोई माफी नहीं मिलेगी. उनकी गलतियां अक्षम्य है.
क्यों मिली माफी?
सबसे बड़ा सवाल यह कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक ही घटनाक्रम बदला और मायावती का अपने भतीजे के लिए दिल पसीज गया. अचानक ही आकाश आनंद ने अपनी पुरानी गलतियों के लिए माफी मांगी और तुरंत बाद मायावती ने माफ भी कर दिया. दरअसल बसपा के सूत्रों की माने तो आकाश आनंद की वापसी की पटकथा उन्हें हटाए जाने के तुरंत बाद से ही तैयार की जा रही थी. मायावती भी पार्टी में अकेली पड़ती जा रही थी और आकाश आनंद को लेकर पार्टी के कैडर का दबाव भी बढ़ रहा था.
पार्टी को थी आकाश की जरूरत?
जिस पुरजोर तरीके से समाजवादी पार्टी लगातार बसपा के कैडर और नेताओं में सेंध लगा रही थी, बीजेपी बाबा साहेब के नाम को एग्रेसिव तरीके से भुना रही थी. उससे मायावती को आकाश की जरूरत शिद्दत से महसूस होने लगी थी, ताकि पार्टी का निराश कैडर कहीं सपा और चंद्रशेखर की राह न पकड़ ले. आकाश को निकाले जाने के बाद हर काम मायावती के जिम्मे में आ चुका था, वह चाहे दूसरी पार्टियों को जवाब देना हो, बसपा के खिलाफ बन रहे नैरेटिव का काउंटर करना हो या पार्टी के मजबूती के लिए संगठन का काम करना हो, यह सब अकेले मायावती के मत्थे था, और मायावती कई मामलों में अकेली पड़ती जा रही थी, पार्टी का कोई नेता या कैडर मायावती के फैसले के खिलाफ बोल तो नहीं सकता, लेकिन उनके भीतर के उत्साह की कमी मायावती साफ पढ़ रही थीं.
ऐसा नहीं है कि मायावती ने यह फैसला अचानक लिया है. आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार ने पहले ही नेशनल कोऑर्डिनेटर का पद छोड़ दिया था, ऐसे में तभी से चर्चा चल पड़ी कि आकाश आनंद के लिए वापसी की राह तलाशी जा रही है.
सबकुछ तय था?
सब कुछ स्क्रिप्ट के अनुसार तय तरीके से किया गया है. पहले आकाश आनंद ने माफी मांगी और मायावती ने माफ कर दिया यानी अब आकाश आनंद की वापसी पूरी तरीके से पार्टी में हो गई है. धीरे-धीरे उन्हें उन्हें पुराने पद नेशनल कोऑर्डिनेटर पर आसीन करने की तैयारी है. आकाश के वापस आते ही पार्टी कैडर में एक उत्साह दिखाई दे रहा है, अब आकाश आनंद मायावती की लाइन पर चलेंगे और मायावती के निर्देश का पालन करेंगे.
बताया जाता है इसके लिए परिवार में कई दौर की बातचीत हुई और मायावती ने भी आकाश आनंद की जरूरत महसूस की और तब माफीनामे और माफ करने की यह राह निकाली गई.
मायावती के इस फैसले ने आकाश आनंद को और मजबूत कर दिया है, दूसरी बार आकाश आनंद की वापसी से यह तय हो गया कि आकाश आनंद पार्टी कैडर की मांग हैं और वही पार्टी के भविष्य के चेहरे हैं. अगर मायावती यह दबाव नहीं महसूस करती तो शायद इतनी जल्दी आकाश की वापसी संभव नहीं थी.
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