scorecardresearch

Uttar Pradesh: संसद में Samajwadi Party की आवाज बनेंगे Akhilesh Yadav, क्या है Assembly Election के लिए प्लान, जानें

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देंगे और संसद में कन्नौज लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे. अखिलेश यादव संसद में समाजवादी पार्टी की मुखर आवाज बनेंगे. इसके साथ ही पार्टी साल 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर भी रणनीति बना रही है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद पर किसी को मौका देगी.

Akhilesh Yadav Akhilesh Yadav

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने नए सियासी संभावनाओं को जन्म दे दिया है. लोकसभा चुनाव के नतीजे में 80 में से 36 सीटें ही बीजेपी और उसका गठबंधन जीत पाया है, जबकि 44 सीटें बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन और एक सीट चंद्रशेखर ने जीती है. एक अनुमान के मुताबिक विधानसभावार अगर इन परिणामों की व्याख्या की जाए तो समाजवादी पार्टी के गठबंधन को 403 में से 225 सीटों के करीब मिला है, जबकि बीजेपी को 175 के आसपास सीटें मिलती दिख रही है. हालांकि अभी ये आखिरी डेटा नहीं है.

साल 2027 की तैयारी शुरू-
समाजवादी पार्टी को अब यकीन हो चला है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के बाद साल 2027 का विधानसभा चुनाव वह जीत सकती है और बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकती है. ऐसे में अब समाजवादी पार्टी की तैयारी साल 2027 को लेकर शुरू हो चुकी है. अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा से इस्तीफा देकर संसद में समाजवादी पार्टी संसदीय दल के नेता और सदन में पार्टी के नेता होंगे, जबकि उत्तर प्रदेश में नेता विपक्ष के तौर पर समाजवादी पार्टी नए चेहरे को आगे करेगी.

किसको मिलेगा नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी-
माना जा रहा है कि जिस तरीके से सामाजिक समीकरण बिठाने में अखिलेश यादव ने अपने कोर वोट बैंक को अलग रखा, कुछ इस तरीके से नेता विपक्ष का चुनाव भी होगा, जिसमें अखिलेश यादव अपने परिवार के बजाय नेता विपक्ष का पद किसी दलित, मुस्लिम या फिर किसी अगड़े को नेता विपक्ष की कुर्सी सौंप दें.

सम्बंधित ख़बरें

यूं तो इस पद के लिए जो नाम सबसे आगे चल रहे हैं. उसमें शिवपाल यादव, इंद्रजीत सरोज, ओम प्रकाश सिंह जैसे नाम चर्चा में हैं, लेकिन जिस तरीके से दलित और पिछड़ों ने समाजवादी पार्टी की पालकी उठाई है. उससे लगता है कि अखिलेश यादव एक बार फिर किसी दलित चेहरे पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए दांव लगा सकते हैं.

करहल से कौन बनेगा उम्मीदवार-
अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल की सीट से इस्तीफा देकर सदन में पार्टी के नेता होंगे, जबकि छोड़ी हुई करहल सीट पर परिवार के दूसरे सदस्य अखिलेश यादव के भतीजे और लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव उपचुनाव लड़ सकते हैं.

बता दें कि अखिलेश यादव तेज प्रताप यादव को पहले रामपुर और फिर कन्नौज लड़ना चाहते थे, लेकिन आखिरी वक्त में दोनों जगह से टिकट नहीं दे पाए, ऐसे में अब अपनी छोड़ी हुई करहल सीट अखिलेश तेज प्रताप यादव को दे सकते हैं.

संसद में संभालेंगे पार्टी की बागडोर-
दरअसल पार्टी के सभी बड़े नेता चाहते हैं कि मुलायम सिंह यादव की तरह संसद में अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की बड़ी और मुखर आवाज बनें और जब अखिलेश यादव खुद संसद में रहकर मुखर तौर पर सरकार के खिलाफ मुद्दे को उठाएंगे तो अखिलेश का चेहरा ना सिर्फ देश में बड़ा होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी अखिलेश का चेहरा और बड़ा हो सकता है. ऐसा लगता है कि अब जबकि समाजवादी पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है तो अखिलेश यादव अब देश के स्तर पर भी एक बड़े चेहरे के तौर पर सामने होंगे.

समाजवादी पार्टी का मानना है कि अखिलेश यादव चाहे विधानसभा में नेता विपक्ष हो या फिर संसद में पार्टी के सदन के नेता हों, साल 2027 में बीजेपी के मुकाबले उत्तर प्रदेश में वही चेहरा होंगे, ऐसे में संसद में रहते हुए अगर वह उत्तर प्रदेश में 2027 का चुनाव लड़ेंगे तो बड़ा संदेश जाएगा.

अखिलेश यादव करहल छोड़कर अब कन्नौज के सांसद होंगे, सदन में विपक्ष की बड़ी आवाज होंगे. अपनी पार्टी के नेता होंगे और 2027 के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होंगे.

यूपी के दो लड़कों या दो युवाओं की जोड़ी साल 2027 में भी दिखाई देगी. यह बात अखिलेश यादव और राहुल गांधी दोनों का चुके हैं, ऐसे में 2027 बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होगी. जिसमें कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को एनडीए के सामने बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: