कोविड काल के दौरान जब लॉकडाउन लगाया गया तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव यातायात पर पड़ा. इसी क्रम में पूरे देश में ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया था. लेकिन कोविड की लहर कुछ शांत हुई, तो भारतीय रेलवे ने कोविड स्पेशल ट्रेनों को चलाना शुरू किया. इस दौरान ट्रेनों को स्पेशल कैटेगरी में कर दिया गया और किराए में भी 20 से 30% की बढ़ोतरी की गई. लेकिन जब कोविड की दूसरी लहर शांत हुई, तो भारतीय रेलवे ने रेल यातायात को सुचारू करने का फैसला किया और तकरीबन एक महीने पहले सभी ट्रेनों को स्पेशल कैटेगरी से हटाकर सामान्य कैटेगरी में कर दिया.
ट्रेनों के भाड़े में मिली 30% तक की राहत
ट्रेनों को पहले की तरह सामान्य श्रेणी में किये जाने के बाद किराए भाड़े में 20 से 30% की राहत तो मिल गई. लेकिन भारतीय रेलवे ने सीनियर सिटीजन सहित तमाम तरह की दी जाने वाली रियायतें अभी तक पूरी तरह से बहाल नहीं की है. इस को लेकर रेल यात्रियों में काफी मुहावरों की स्थिति है और यात्री इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि, उनको मिलने वाली तमाम तरह की रियायतें कब बहाल होगी.
दिव्यांगजन और रेलवे पास धारकों के लिए रियायतें शुरू
दरअसल भारतीय रेलवे सीनियर सिटीजन, स्पोर्ट्समैन, जर्नलिस्ट, दिव्यांगजन, किसान, परीक्षार्थी, राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त विशिष्ट जन आदि में कुल 53 से ज्यादा श्रेणियों में यात्रा करने वालों को रियायातें देती है. हालांकि कोविड काल के दौरान चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों में पहले तो यह तमाम रियायतें बंद कर दी गई थी. लेकिन बाद में दिव्यांगजन और रेलवे पास धारकों के लिए रियायतें शुरू कर दी गई.
स्पेशल कैटेगरी से सामान्य श्रेणी में आ गई ट्रेनें
कोविड की दूसरी लहर के बाद जब ट्रेनें स्पेशल कैटेगरी से सामान्य श्रेणी में आ गई, तो रेल यात्रियों को उम्मीद जगी कि इसके साथ ही साथ तमाम रियायतें भी बहाल हो जाएगी. लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो पाया. ऐसे में लोगों की निगाहें अभी भी रेल मंत्रालय की तरफ लगी हुई है कि सीनियर सिटीजन सहित तमाम अन्य रियायतें कब बहाल होंगी.
(उदय गुप्ता की रिपोर्ट)