

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का उत्सव सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन तो होगा ही इसके लिए अक्षत निमंत्रण संघ का अब तक का सबसे बड़ा ‘संपर्क अभियान’ होगा. लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर और राष्ट्रवाद का संदेश लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने घर-घर दस्तक देना शुरू कर दिया है. संघ ने अपने संगठनों के जरिए करीब 12 लाख से ज़्यादा परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया है. घर-घर अक्षत निमंत्रण देने के साथ ही नाम पता और फोन नंबर भी नोट किया जा रहा है. जाहिर है लोकसभा चुनाव के साल में ये अभियान अहम है.
अब तक का सबसे बड़ा संपर्क अभियान
संघ का अब तक का सबसे बड़ा संपर्क अभियान 'अक्षत वितरण' के साथ शुरू हो गया है. गाँव, शहरों और मोहल्लों में संघ और विहिप के कार्यकर्ता घर-घर जा कर लोगों को अक्षत निमंत्रण दे रहे हैं और घर के मुखिया का नाम पता और फोन नंबर नोट कर रहे हैं. वैसे तो इस काम में संघ के सभी आनुषांगिक संगठनों को लगाया गया है लेकिन मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले विश्व हिंदू परिषद, विहिप के युवा संगठन बजरंग दल के साथ संस्कार भारती, किसान भारती और विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों को भी लगाया गया है. इसे लोकसभा चुनाव से पहले अनौपचारिक फीड बैक जुटाने के अभियान के तौर पर भी देखा जा रहा है.
नाम, पता और फोन नंबर नोट कर रहे हैं कार्यकर्ता
राम मंदिर के अक्षत निमंत्रण के लिए देश के 5 लाख गांव में संघ और विहिप के कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं. 12 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य दिया गया है. कार्यकर्ताओं को ये निर्देश दिया गया है कि जहां-जहां वो जाएं उन सभी घरों का विवरण कागज कर दर्ज करें. इसके लिए बाकायदा कई जगह एक फॉर्म भी पहुंचा दिया गया है. लखनऊ में अक्षत निमंत्रण बांट रहे कार्यकर्ताओं ने उस विवरण के बारे में बताया कि उनको इसलिए ये नोट करने के लिए कहा गया है जिससे आगे इन परिवारों से संपर्क करने में सुविधा हो. इस क्षेत्र में अक्षत वितरण के संयोजक विहिप के अशोक कहते हैं कि 'हम नाम, पता और फोन नंबर के साथ ये भी नोट कर रहे हैं कि जिस घर में गए उनका व्यवहार हमारे प्रति कैसा रहा. इससे आगे हमें उनसे संपर्क करने में सुविधा होगी.'
दरअसल संघ ने इस संपर्क अभियान के जरिए फीडबैक जुटाने का काम शुरू कर दिया है. जाहिर है चुनावी साल होने की वजह से इस फीडबैक के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. वहीं कायमगंज क्षेत्र में अक्षत निमंत्रण बांट रहे मनोज राय कहते हैं 'इस बात को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि हमारे साथ हर वर्ग के लोग और हर विचारधारा के लोग आ रहे हैं.' लेकिन मनोज राय मानते हैं कि किन लोगों ने मंदिर बनवाया ये भी तो लोगों को बताया जाना चाहिए. इसलिए संपर्क के दौरान कार्यकर्ता ये बता रहे हैं.
राष्ट्रवाद के मुद्दे और मंदिर आंदोलन की याद दिला रहे कार्यकर्ता
चुनाव से पहले इस अनौपचारिक संपर्क अभियान से कई अहम जानकरियां मिल रही हैं. राम मंदिर के लिए अक्षत निमंत्रण के साथ कार्यकर्ता ‘राष्ट्रवाद’ के मुद्दे भी गिना रहे हैं. साथ ही मंदिर आंदोलन में भाजपा और विश्व हिंदू परिषद की भूमिका भी गिना रहे हैं. अक्षत के साथ जो राम मंदिर का चित्र दिया जा रहा है उसमें श्रीराम ट्रस्ट का नाम लिखा है पर संघ ने शुरुआत से इस अभियान की कमान सम्भाली है. अयोध्या में अक्षत निमंत्रण की पूजा से पहले आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने अयोध्या में श्रीराम ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर व्यवस्था की कमान पदाधिकारियों के साथ बैठक कर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में संघ की भूमिका और उसके प्रबंध को लेकर मंथन किया था.
संघ पर्दे के पीछे से हर चुनाव में बीजेपी के लिए सर्वे और फीडबैक का काम करता रहा है. ऐसे में इस सबसे बड़े संपर्क अभियान को भी चुनावी दृष्टि से फ़ीडबैक और सर्वे के साथ आंकड़ा जुटाने के तौर पर देखा जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 'सम्पर्क' और 'संवाद' हमेशा ही बीजेपी की कार्यशैली में शामिल रहा है. जाहिर है राम मंदिर के निमंत्रण बांटने को लेकर जहां कार्यकर्ताओं में उत्साह है वहीं चुनाव से पहले पूरा कैडर सक्रिय हो गया है. इससे चुनाव से पहले ही चुनावी माहौल बनता दिख रहा है. कई बड़े नेताओं ने न सिर्फ लोगों को अक्षत निमंत्रण दिया है बल्कि स्थानीय बीजेपी नेता भी लगातार अपने अपने क्षेत्र में सम्पर्क कर रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार दिनेश पाठक कहते हैं 'राम मंदिर आंदोलन में संघ परिवार की बड़ी भूमिका रही है. अब जब मंदिर बन गया है तो उसका श्रेय भी वो लेना चाहेंगे जो वाजिब है. इस संपर्क अभियान का निश्चित रूप से लाभ बीजेपी को मिलने वाला है, न सिर्फ बीजेपी की सीटें बढ़ सकती हैं बल्कि हो सकता है पार्टी उन सीटों पर भी जीत जाए जहां अब तक नहीं जीती.'