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Arthritis से पीड़ित महिला ने बनाया 50 झीलों पर ट्रेक करने का रिकॉर्ड, 'Alpine Girl' के नाम से हुईं प्रसिद्ध

गठिया से जूझते हुए बेंगलुरु की एक महिला ने चार महीने के अंदर कश्मीर में समुद्र तल से लगभग 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित 50 उच्च-ऊंचाई वाली झीलों की ट्रेकिंग की और एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया. लड़की का नाम नम्रता नंदीश है और अब उन्हें 'अल्पाइन गर्ल' के नाम से बुलाया जाता है.

Alpine Girl Alpine Girl
हाइलाइट्स
  • ट्रेक लीडर सैयद ताहिर ने की मदद

  • 50 झीलों पर जाने वाली पहली महिला

  • समुद्र तल से 10,000 फीट ऊपर स्थित है अल्पाइन झील

गठिया से जूझते हुए बेंगलुरु की एक महिला ने चार महीने के अंदर कश्मीर में समुद्र तल से लगभग 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित 50 उच्च-ऊंचाई वाली झीलों की ट्रेकिंग की और एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया. लड़की का नाम नम्रता नंदीश है और अब उन्हें 'अल्पाइन गर्ल' के नाम से बुलाया जाता है. 

समुद्र तल से 10,000 फीट ऊपर स्थित है अल्पाइन झील

बेंगलुरु के बेलंदूर क्षेत्र की रहने वाली नम्रता नंदीश इन उच्च-ऊंचाई वाली झीलों की यात्रा करने वाली पहली महिला हैं. नंदीश ने तुलियन झील से इस यात्रा की शुरुआत की, जो दक्षिण कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में पीर पंजाल और ज़ांस्कर पर्वत श्रृंखलाओं के बीच सैंडविच है. अंत में उन्होंने अनंतनाग-किश्तवाड़ क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में शिलसर झील पर यात्रा का अंत किया.अल्पाइन झीलें समुद्र तल से 10,000 फीट से ऊपर स्थित हैं.

नंदीश कहती हैं,"कुछ भी पूर्व निर्धारित नहीं था. यह सब मेरे पति अभिषेक के एक विचार के साथ शुरू हुआ, जो पिछली सर्दियों में श्रीनगर की यात्रा पर गए थे. वह जमी हुई डल झील देखना चाहता थे. ”दंपति ने 26 जनवरी को कश्मीर घाटी की यात्रा शुरू की.

खुद को देना चाहती थीं जन्मदिन का तोहफा
नंदीश जो इस साल 33 साल की हुई हैं कहती हैं, "मैंने अपना होमवर्क कर लिया था और खुद को जन्मदिन का गिफ्ट देने के लिए मैंने 33 झीलों की यात्रा करने का फैसला किया था."नंदीश एक आईटी कंपनी में एचआर हैं  और COVID-19 महामारी के कारण वर्क फ्रॉम होम की सुविधा ने ट्रेकिंग सीजन के दौरान अपने लक्ष्य तक पहुंचने में उनकी काफी मदद की, जो जून के मध्य में शुरू हो गई थी.

उन्होंने कहा,"कड़ी मेहनत करो और बढ़िया खेलो. वीकेंड पर मैंने अपना बैग पैक किया और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक ट्रेकिंग समूह में शामिल हो गया, जो ट्यूलियन झील से शुरू हुआ था.”

ट्रेक लीडर सैयद ताहिर ने की मदद
उनके स्थानीय ट्रेक लीडर सैयद ताहिर, जो उनके साथ अधिकांश झीलों में गए थे उनके बारे में कहते हैं, पर्यटक यहां आते हैं और तीन से चार दिनों का लंबा ट्रेक करना चाहते हैं, लेकिन यहां मेरे सामने एक ऐसी महिला थी, जिसने सीजन शुरू होने से पहले ही अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर लिया था.

ताहिर जब नंदिश से पहली बार मिले तो नंदिश ने उन्हें अपना ड्रीम बताया. इस दौरान ताहिर ने नार्मल तौर पर नंदिश से पूछा कि क्या उन्हें कोई मेडिकल प्राबल्म है? इस पर नंदिश ने उन्हें अपनी अर्थराइटिस की दिक्कत के बारे में बताया. ताहिर बोले मैं हैरान रह गया, लेकिन नंदिश का संकल्प देख के मेरी सारी शंका दूर हो गई. ताहिर लगभग 10 सालों से ट्रेकिंग इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं.

50 झीलों पर जाने वाली पहली महिला
उन्होंने कहा,"निस्संदेह, वह पहली महिला होंगी जिन्होंने एक सीजन में 50 झीलें पूरी की हैं. उन्होंने कहा जहां तक मुझे याद है कश्मीर घाटी में फैली एक सीज़न में 50 अल्पाइन झीलों को कवर करने की उपलब्धि अभी तक किसी ने हासिल नहीं की है." नंदीश अपने गृहनगर लौटने की यात्रा के लिए अपना बैग पैक करते हुए  काफी इमोशनल हो जाती हैं और कहती हैं कि वो खुश हैं कि उन्हें ट्रेकिंग समुदाय द्वारा 'अल्पाइन गर्ल' के नाम से पुकारा जा रहा है. 

उन्होंने कहा,"मैंने इस साल के सीज़न के दौरान 31 दिनों में लगभग 460 किलोमीटर की दूरी तय की है और वह भी तब जब मेरे पास फुल-टाइम जॉब थी." आज नंदीश, अल्पाइन झीलों पर सोलो ट्रिप करने के बाद खुद को और अधिक आत्मविश्वास से भरा महसूस करती हैं. 

पिछली यात्रा के दौरान हुई थीं AMS का शिकार
वह कहती हैं,“मेरी पिछली यात्रा के दौरान मुझे एक्यूट माउंटेन सिकनेस (AMS) का सामना करना पड़ा क्योंकि मुर्गन टॉप पर ऊंचाई लगभग 13,000 फीट थी, लेकिन फिर मेरी आंतरिक शक्ति और ताहिर और मेरे परिवार के समर्थन ने मुझे यह हासिल करने में मेरी मदद की.

वह कहती हैं कि उन्हें इस बात का खेद है कि कश्मीर घाटी में ट्रेकिंग व्यवसाय में बहुत सी महिलाएं शामिल नहीं हैं. वह मंताशा द्वारा साझा किए गए उस विचार से भी सहमत दिखी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.