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मेक इन इंडिया के तहत ALS 50 Drone System का हुआ सफल परीक्षण, जानिए क्या है खासियत

ALS 50 Drone System: मेक इन इंडिया के तहत DRDO ने जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज पहली बार एक ऐसे ड्रोन सिस्टम का सफल परीक्षण किया है, जिससे फ्यूचर वार फेयर में भारतीय आर्मड फोर्सेज की मारक क्षमता और ज्यादा मजबूत होगी.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
हाइलाइट्स
  • DRDO व टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड के विशेषज्ञ रहे मौजूद

  • पोकरण फिल्ड फायरिंग रेंज में किया गया परीक्षण

शुक्रवार को जैसलमेर की पोकरण रेंज में टाटा एडवांस डिफेंस सिस्टम द्वारा निर्मित एएलएस 50 लायल्टी एम्युनिशन ड्रोन सिस्टम का सफल परीक्षण किया गया. ऑटोनोमस वर्टिकल लैंडिंग टेकऑफ सिस्टम ( वीटीओएल) सहित कई खूबियों वाले इस ALS 50 ड्रोन ने दुश्मन के छद्मम ठिकानों पर अचूक निशाने साधे. इस दौरान DRDO के वैज्ञानिक, आर्मड फोर्सेज के अधिकारी और टाटा डिफेंस सिस्टम के विशेषज्ञ मौजूद थे.

परीक्षण के दौरान लगा सटीक निशाना

बता दें कि अब तक भारतीय सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस प्रकार के लायल्टी ड्रोन एमनुएशन इजरायल से आयात किये जाते थे, अब मेक इन इंडिया के तहत इसे देश में ही निर्माण किया गया है. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टाटा एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड द्वारा निर्मित एएलएस 50 एमनुएशन ड्रोन सिस्टम का पहली बार जैसलमेर जिले की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में परीक्षण किया गया. परीक्षण में इसके सफलतापूर्वक हमला करने की क्षमता को परखा गया. एएलएस 50 नाम के इस ड्रोन सिस्टम ने परीक्षण के दौरान जमीन पर सटीक निशाना लगाया और अपनी क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन करके यह सिस्टम एक मील का पत्थर साबित हुआ.

क्या है खासियत?

बता दें कि एएलएस 50 ड्रोन सिस्टम को टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड द्वारा स्वदेशी तकनीक के साथ विकसित किया गया है. साथ ही यह एएलएस 50 ड्रोन काफी लंबी दूरी तक सफर करने के साथ ही दुश्मन के ठिकानों को ढूंढकर उन पर सटीकता से फायर कर उन्हें नेस्तनाबूद करने में सक्षम है. इसका उपयोग संकरी घाटियों, पहाड़ों, जंगलों, किसी भी जहाज जैसे सीमित जगहों पर आसानी से किया जा सकता है और कहीं से लेंडिंग व टेकऑफ करवा सकते हैं.

सूत्रों ने बताया कि यह ड्रोन सिस्टम क्वाडकोटर की तरह उड़ान भरता है. इसमें फिक्स्ड विंग लगे होने के कारण यह ज्यादा इफेक्टिव होता है , तथा दुश्मन के मिसाइल लांचर, मिलट्री स्टैब्लिशमेंट, कमांड पोस्ट, एमनुएशन डंप पर सटीकता से हमला कर उसे तबाह कर सकने की क्षमता रखता है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रणाली को वर्टिकल टेक ऑफ एंड लैंडिंग (वीटीओएल) के लिए भी डिज़ाइन किया गया है और इसे जल्द ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के अनुसार इसे अपग्रेड भी किया जा सकता है. आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटलीजेंस के समावेश के साथ फ्यूचर वार फेयर में एक साथ झुंड में दुश्मन पर अटैक करने की क्षमता के साथ इसको अपग्रेड करने की भी तैयारियां की जा रही हैं.

जानकारी के अनुसार टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) में युवा इंजीनियरों की एक टीम द्वारा इसे विकसित किया गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया के तहत इस स्वदेशी एएलएस 50 ड्रोन सिस्टम को विकसित किया गया है और पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज से पहले इसका परीक्षण इस साल की शुरुआत में लद्दाख के दुर्गम क्षेत्र में किया गया था, जहां परीक्षण के दौरान इसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों से संचालित करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया था.

(रिपोर्ट- विमल भाटिया)