कल यानी 30 जून से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होने वाली है. जिसके मद्देनजर श्रद्धालुओं के ठहरने और यात्रा को आसान बनाने के लिए इस बार जम्मू कश्मीर प्रशासन ने काफी बेहतर इंतजाम किए हैं. बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए अमरनाथ यात्रा सुगम बनाने में इस साल हवाई सेवा अहम होगी. पहली बार श्रीनगर से पंचतरणी तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की जा रही है. इससे अमरनाथ यात्री एक ही दिन में बाबा बर्फानी के दर्शन कर श्रीनगर लौट सकेंगे.
श्रद्धालु अब शिव भक्त हवाई सेवा के लिए श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर टिकट बुक करवा सकते हैं. पहली बार श्रद्धालु आसानी से श्रीनगर से पंचतरणी तक यात्रा कर सकेंगे. पवित्र गुफा में दर्शन कर एक ही दिन में वापस आ सकते हैं. हेलीकॉप्टर सेवा और पंचतरणी में हेलीपैड को मेंटेन करने वाली BSF के पायलट HD लोहानी ने बताया कि इस साल अमरनाथ यात्रियों में बहुत उत्साह है. ऐसा अनुमान है कि प्रतिदिन हेलीकॉप्टर के जरिये करीब 3000 यात्री दर्शन करेंगे. इसके अलावा पवित्र गुफ़ा के दर्शन करने के लिए हर दिन 20 हजार यात्रियों के आने का अनुमान है.
इन खतरों की है आशंका
इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर खतरा बहुत ज़्यादा है. सुरक्षा बलों की 400 से ज़्यादा कंपनियां तैनात की गई है. CCTV कैमरा और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है. सूत्रों की मानें तो इस बार की यात्रा में कई तरह के खतरें हैं. जैसें- ग्रेनेड के जरिये यात्रियों को आतंकी निशाना बना सकते हैं. यात्रियों के कैंप पर आतंकी हमले की साजिश हो सकती है. कार में IED और स्टिकी बम का इस्तेमाल कर बना सकते है निशाना.
सुरक्षाबलों की क्या है तैयारियां
इन खतरों से निपटने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं. यात्रा के दौरान यात्रियों और सुरक्षा बलों की गाड़ियों पर RFID टैग के साथ श्रद्धालुओं को खास तरीके का बार कोड दिया गया है. बार कोड से उनके लोकेशन के बारे में जानकारी मिलेगी. अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगाए जाने वाले जम्मू कश्मीर पुलिस,सेना और सभी अर्धसैनिक बलों को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश हैं. स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (SOP) को और पुख्ता किया गया है. यात्रा के दौरान कम संख्या में काफ़िले में गाड़ियों को शामिल किया जाएगा. इस साल ज्यादा संख्या में बुलेट प्रूफ और एमपीवी गाड़ियों को शामिल किया जाएगा. पहलगाम और बालटाल दोनों रूट पर ROP और Anti Sabotage team की संख्या पुख्ता होगी. यात्रा रुट पर IED के खतरे को देखते हुए. BDT (Bomb Detecting Team) टीम की संख्या बढ़ी है. साथ ही BDT से जुड़े 2 दर्जन ऐसे नए एक्सपर्ट को लगाया जा रहा है जिन्होंने हाल ही में आईईडी से निपटने की खास ट्रेंनिग ली है. यात्रा रुट पर CCTV कैमरा और ड्रोन से निगरानी होगी. एंटी ड्रोन सिस्टम और ड्रोन हंटिंग टीम तैनात होगी. CRPF की बुलेट प्रूफ एंटीमाईन वेहिकल की संख्या इस साल यात्रा रुट पर तादात बढ़ा दी गई हैं. यात्रा रुट के ऊंचाई वाले इलाकों में स्नाइपर तैनात किए गए हैं.
यात्रा पर जाएं तो ये तैयारी ज़रूर कर लें
इस बार क्योंकि कोरोना के चलते दो साल बाद यात्रा शुरू हो रही है इसलिए यात्रियों को किसी भी तरीके की दिक्कत न हो इसलिए बालटाल रूट, पहलगाम रूट पर अस्पताल बनाये गए हैं. पर यात्रा से पहले इन बातों को ध्यान में जरूर रखें.
1.श्रद्धालुओं को किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्रस्तुत रजिस्ट्रेशन के समय ही लिया जाता है. पर अगर कोई मेडिकल समस्या है तो यात्रा से बचें क्योकि गुफा करीब 14000 फ़ीट की ऊंचाई पर है जहाँ ऑक्सीजन की काफी कमी है.
2.गुफा और यात्रा रुट का मौसम कभी भी बदल जाता है इलिये यात्रा पर जाने से पहले ठंड से बचने के लिए उचित कपड़े रख लें. कई बार ऐसा होता है कि जिन्हें ठंड बर्दाश्त नहीं होती है उनके लिए समस्या खड़ी हो जाती है.
3.हाई एल्टीट्यूड का एरिया होने की वजह से चढ़ाई के दौरान ज्यादा सामान लेकर नहीं जा सकते है. इसलिए चढ़ाई के दौरान ज्यदा सामान नहीं ले जाएं बस जरूरत का सामान ही ले जाएं. जरूरी सामान में एक हल्का कंबल, छाता, रेनकोट, वाटरप्रूफ जूते, छड़ी, टार्च, आदि रख लें. खाने के सामान में सूखे मेवे, टोस्ट, बिस्किट और पानी की बोतल जरूर रख लें. क्योंकि ऊंचाई पर प्यास नहीं लगती पर पानी थोड़ा थोड़ा जरूर पीते रहें.
4.यात्रा रूट काफ़ी सँकरा है इसलिए जब ट्रैक पर चले तो सावधानी बरतें इसके साथ ही घोड़ों/खच्चरों और पोर्टर के साथ ही रहें. पंजीकृत लेबर, खच्चर और पालकी वालों की ही सेवाएं लें.
5. अमरनाथ की यात्रा के मार्ग में कई लोगों को ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है ऐसे में सावधानी बरतें. हालांकि की श्राइन बोर्ड ने जगह जगह अस्पताल खोले हैं. दिक्कत होने पर पूरी मेडिकल फैसिलिटी मिलेगी.
6.अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए 2 रास्ते हैं- एक पहलगाम होकर जाता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से जाता है. यानी देशभर के किसी भी क्षेत्र से पहले पहलगाम या बालटाल पहुंचना होता है. इसके बाद की यात्रा पैदल की जाती है पर इस श्रीनगर से हेलीकॉप्टर सीधे पंचतरणी तक दी गई है.
7. खाली पेट यात्रा ना करें. यात्रा प्रारंभ होने के समय नाश्ता जरूर कर लें या खाने का समय होता खाना खाकर ही निकलें. ये न सोचे कि रास्ते में किसी कैंप में खा लेंगे.
8 यात्रा के समय साथ में आईडी कार्ड के तौर पर आधार कार्ड या दूसरा कुछ अवश्य रख लें और सभी प्रमुख लोगों के मोबाइल नंबर अपने पास रखें. मोबाइल के लिए बैट्री बैकअप ज़रूर रखें.