अहमदाबाद नगर निगम (Ahmedabad Municipal Corporation) ने अग्निशामन विभाग के नौ अधिकारी-कर्मचारियों को फर्जी डिग्री लेने के मामले में नौकरी से टर्मिनेट कर दिया है. नागपुर की नेशनल फायर सर्विस कॉलेज में फर्जी स्पॉन्सरशिप के जरिए डिग्री लेने के मामले में दोषी पाए जाने पर इन अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ यह कदम उठाया गया है.
अहमदाबाद फायर एवं इमरजेंसी सर्विस (AFES) में पिछले कई सालों से परिवारवाद के आक्षेप होते रहे हैं. विभाग ने एक बयान में बताया कि उसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी सर्टिफिकेट से जुड़ी शिकायत मिली थी. इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर दो साल पहले विभाग ने विजिलेंस टीम का गठन कर जांच शुरू की थी.
विजिलेंस रिपोर्ट में साबित हुआ आरोप
अहमदाबाद नगर निगम ने इस मामले में जारी पत्र में कहा है कि निकाले गए सभी 9 अधिकारी-कर्मचारी लंबे समय से प्रोबेशन पर थे. इन सब ने फर्जी स्पॉन्सरशिप के जरिए नागपुर के नेशनल फायर सर्विस कॉलेज से डिग्री हासिल की थी. इनमें कैजान दस्तूर, इनायत हुसैन शेख और ओम जडेजा सहित तीन डिविजनल फायर ऑफिसर थे.
साथ ही प्रोबेशनल स्टेशन ऑफिसर आसिफ शेख, अनिरुद्धसिंह गढ़वी, मेहुल गढ़वी, अभिजीत गढ़वी, सुधीर गढ़वी और शुभम खड़िया भी अपराध में शामिल थे. सभी के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए थे. रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद सभी को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था.
कारण बताने के लिए दिया गया था एक सप्ताह
विजिलेंस जांच की रिपोर्ट आने पर सभी निकाले गए अधिकारी और कर्मचारियों को सफाई पेश करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया गया था. उन्हें अहमदाबाद म्यूनिसिपल कमीशनर को बताना था कि उन्हें काम से क्यों न निकाला जाए. एक सप्ताह के बाद किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की तरफ से तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर सभी को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया.
विरोधपक्ष ने कहा, सभी की जांच हो
अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में विरोधपक्ष के नेता शहेजाद खान पठान ने इस घटना के बाद विभाग के सभी अधिकारियों की डिग्री जांच करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि नौकरी से निकाले गए सभी अधिकारी-कर्मचारियों को दी गई सैलरी और सरकारी लाभ वसूला जाना चाहिए.