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Bharatpol: इंटरपोल की तर्ज पर इंडिया में भारतपोल, जानें क्या है यह, क्यों पड़ी इसकी जरूरत और कैसे करेगा काम 

What is Bharatpol:  भारतपोल पोर्टल के जरिए अब राज्यों की पुलिस भी किसी भगोड़े अपराधी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सीधे इंटरपोल को रिक्वेस्ट भेज सकती है. इंटरपोल उसे स्वीकार करता है तो जानकारी राज्यों की पुलिस डायरेक्ट मुहैया कराई जा सकती है.

Amit Shah Launched Bharatpol Portal Amit Shah Launched Bharatpol Portal
हाइलाइट्स
  • विदेश फरार होने वाले अपराधियों को भारतपोल के जरिए लाया जाएगा भारत

  • इंटरपोल के साथ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के तालमेल को आसान बनाना है भारतपोल का मकसद 

Amit Shah Launched Bharatpol Portal: इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन यानी इंटरपोल (INTERPOL) की तर्ज पर इंडिया ने भारतपोल (Bharatpol) बनाया है. गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को  दिल्ली के भारत मंडपम में भारतपोल पोर्टल की शुरुआत की. आइए जानते हैं यह क्या है और कैसे अपराधियों पर नकेल कसेगा. 

क्या है भारतपोल
भारतपोल पोर्टल को सीबीआई (CBI) ने डेवलप किया है. यह एक एडवांस्ड ऑनलाइन पोर्टल है. भारतपोल का मकसद सिर्फ अपराधियों को पकड़ना नहीं, बल्कि समय रहते उनके खिलाफ शिकंजा कसना और अपराध को जड़ से खत्म करना है. अमित शाह ने कहा कि ये पोर्टल अपराध नियंत्रण के लिए हमारे एजेंसी के लिए सीधा और प्रभावी संवाद सुनिश्चित करेगा. साइबर अपराध का मुकाबला करने में भारतपोल काफी उपयोगी होगा. 

भगोड़ों अपराधियों की अब खैर नहीं 
गृहमंत्री अमित शाह ने भगोड़ों अपराधियों को लेकर कहा कि देश में अपराध करके विदेश फरार होने वाले भगोड़ों को भारतपोल के जरिए लाया जाएगा. इससे अंतरराष्ट्रीय अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी. आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि देश में अपराध कर विदेश भागने वाले अपराधियों के खिलाफ नोटिस जारी करने में काफी वक्त लग जाता है. अब सीबीआई ने जो भारतपोल पोर्टल बनाया है, उससे न सिर्फ एनआईए-ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसी बल्कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस एक साथ मंच साझा करेंगी. 

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क्या है इंटरपोल 
इंटरपोल दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है. इसका मुख्यालय फ्रांस में है. इंटरपोल 195 देशों की जांच एजेंसियों का एक आर्गनाइजेशन है. भारत की तरफ से सीबीआई इससे जुड़ी है. इंटरपोल के जरिए किसी भगोड़े बदमाश के बारे में सूचनाओं का लेनदेन और उन्हें पकड़ने के लिए इंटरनेशनल नोटिस जारी किए जाते हैं. मान लीजिए कोई अपराधी हमारे देश में क्राइम करके विदेश भाग गया है तो भारत सबसे पहले उस अपराधी के बारे में इंटरपोल को जानकारी देगा. इसके बाद उस बदमाश के नाम से इंटरपोल नोटिस जारी करेगा. वैसे तो इंटरपोल कई तरह के नोटिस जारी करता है लेकिन इसमें दो पीला और रेड नोटिस प्रमुख है. पीला नोटिस गुमशुदा लोगों के लिए और रेड नोटिस वॉन्टेड अपराधियों के लिए होता है.

कैसे काम करेगा भारतपोल
1. भारतपोल पोर्टल के जरिए अब राज्यों की पुलिस भी किसी अपराधी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सीधे इंटरपोल को रिक्वेस्ट भेज सकती है.
2. इंटरपोल उसे स्वीकार करता है तो जानकारी राज्यों की पुलिस डायरेक्ट मुहैया कराई जा सकती है.
3. इंटरपोल अपराधी के खिलाफ रेड नोटिस, डिफ्यूजन नोटिस या अन्य प्रकार के नोटिस जारी कर सकता है.  
4. भारतपोल का मकसद इंटरपोल के साथ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के तालमेल को आसान और गतिशील बनाना है.  
5. इस पोर्टल से किसी भी तरह की आतंकवादी वारदात, संगीन क्राइम, नार्को, साइबर क्राइम में वांटेड अपराधी तक पहुंचना और आसान हो जाएगा.
6. भारतपोल पोर्टल में सभी जांच एजेंसियां और सभी राज्यों की पुलिस प्रमुख शामिल होंगे. 

पहले थी काफी जटिल प्रक्रिया
फिलहाल किसी भगोड़े अपराधी को नोटिस जारी करने के लिए राज्यों को पहले सीबीआई से अनुरोध करना पड़ता है. इसके बाद सीबीआई इसे इंटरपोल को भेजती है. फिर इंटरपोल जो भी जानकारी या सूचना भेजता है उसे सीबीआई की ओर से राज्य पुलिस तक मेल या लेटर के जरिए पहुंचाया जाता है. यह काफी जटिल प्रक्रिया है. इसी को आसान बनाने के लिए ये भारत पोर्टल को लॉन्च किया गया है. आपको मालूम हो कि किसी भगोड़े अपराधी के खिलाफ नोटिस इंटरपोल ही जारी करेगा.