उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ताजा अपडेट ये है कि डीजीपी अशोक कुमार ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि अब तक इस मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अंकिता पर गलत काम करने का दबाव था. डीजीपी ने बताया जल्द ही इस मामले में और जानकारी लेकर विस्तृत खुलासा किया जाएगा. इससे पहले जानकारी ये आई थी कि पुलिस को अंकिता का शव मिल गया है. SDRF द्वारा चीला पावर हॉउस से अंकिता भंडारी का शव बरामद किया गया. इस पूरे मामले पर मीडिया से बात करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या के आरोप में भाजपा के एक पूर्व मंत्री के बेटे और तीन अन्य को गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद, पीड़िता का शव बरामद कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. इस गंभीर मामले की गहराई से जांच के आदेश दे दिए हैं. आरोपियों के गैर कानूनी रूप से बने रिजॉर्ट पर बुलडोजर द्वारा कारवाई भी गई है.
क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड में एक रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी कर रही अंकिता भंडारी 4-5 दिन से गायब थी. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इस मामले में बताया कि जिस इलाके से अंकिता गायब हुई वो राजस्व पुलिस का क्षेत्र है और पटवारी ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखी थी. उन्होंने बताया कि 22 सितंबर को मामला रेगुलर पुलिस के पास आया और लक्ष्मण झूला थाने ने मामले की जांच शुरू की. उन्होंने बताया कि मामला पुलिस के पास आने के बाद 24 घंटे के अंदर जांच के बाद उन्होंने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा अंकिता की हत्या कर शव को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया है.
पुलिस द्वारा घटना के खुलासे के बाद DGP के आदेश पर SDRF टीम को शक्ति नहर, चीला पावर हाउस में युवती के शव का पता लगाने के लिए कहा गया. बता दें कि SDRF रेस्क्यू टीम द्वारा कल से लगातार मौके गहन सर्च अभियान चलाया जा रहा था. आज सुबह SDRF रेस्क्यू टीम व डीप डाइवर्स द्वारा दोबारा सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. राफ्ट के द्वारा की जा रही सर्चिंग के दौरान SDRF टीम द्वारा चीला पावर हाउस से एक युवती का शव बरामद कर जिला पुलिस को सुपुर्द किया गया. परिजनों द्वारा शव की शिनाख्त कर ली गई है. ये शव अंकिता भंडारी का था. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया.
क्यों की गई अंकिता भंडारी की हत्या?
पुलिस के अनुसार 18 सितंबर की शाम को पुलकित और अंकिता का रिजॉर्ट में झगड़ा हुआ था. तब पुलकित ने अंकित और सौरभ से कहा कि अंकिता गुस्से में है, इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं. इसके बाद एक बाइक और एक स्कूटी से चारों लोग ऋषिकेश के लिए निकले. चारों AIIMS ऋषिकेश पहुंचे और वहां से लौट आए. वापसी में बैराज चौकी से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर चीला रोड पर नहर के किनारे पुलकित और अंकिता अंधेरे में एक जगह पर रुके थे. वहीं रुककर चारों ने मोमोज़ खाए और तीनों लड़कों ने शराब पी. इस दौरान अंकिता और पुलकित के बीच फिर विवाद होने लगा.
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, अंकिता हमें अपने साथियों के बीच बदनाम करती थी.हमारी बातें अपने साथियों को बताती थी कि हम उसे कस्टमर से संबंध बनाने के लिए कहते हैं. अंकिता कहने लगी कि वह रिजॉर्ट की हकीकत सबको बता देगी और उसने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया. इसके बाद अंकिता की आरोपियों से हाथापाई होने लगी और आरोपियों ने उसे नहर में धक्का दे दिया.
कौन है पुलकित आर्य?
बता दें कि पूरे मामले में पुलकित का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि अंकिता का उसी से विवाद हुआ था. पुलकित की बात करें तो वो बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है. विनोद राज्य मंत्री रहे हैं. बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और यूपी के सह-प्रभारी हैं. विनोद आर्य के बड़े बेटे अंकित आर्य दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हैं और इस वक्त वो राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष हैं.
ग्रामीणों ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाने के दौरान, रास्ते में पुलिस की गाड़ी को रोक लिया और आरोपियों के साथ मारपीट की. बता दें कि गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपियों को इतना पीटा कि उनके कपड़े तक फाड़ दिए.