दिल्ली में दिवाली के पहले ही प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली की आबोहवा अक्टूबर के महीने में ही दमघोंटू हो गई है. दिल्ली-एनसीआर की हवा रविवार को 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 313 रहा. इससे पहले 17 मई को AQI 336 दर्ज हुआ था. दिल्ली में कुछ जगहों पर तो यह 400 के करीब दर्ज हुआ. वहीं इन सब में ग्रेटर नोएडा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित जगहों में से एक रहा. यहां का AQI 354 दर्ज किया गया. बुलेटिन के अनुसार 23-25 अक्टूबर तक यह लगातार बेहद खराब स्तर पर बना रहेगा. इसके बाद अगले 6 दिनों तक इसका स्तर खराब से बेहद खराब के बीच रहेगा ऐसा अनुमान है. शनिवार को ही (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) GRAP का दूसरा फेज लागू किया गया था.
दिल्ली में लागू है ग्रैप का दूसरा चरण
इससे पहले शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 248 अंक पर था. 24 घंटे के भीतर इसमें 65 अंकों की बढ़ोतरी हुई है. प्रदूषित हवा की वजह से लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश जैसी दिक्कतें हो रही हैं. सीपीसीबी के मुताबिक, रविवार शाम 4 बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 137 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. सर्दी के मौसम की शुरुआत से ही दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण आम समस्या है. आसमान में धुंध और स्मॉग की चादर छाने लगी है.
प्रदूषण से निपटने के लिए AQI के आधार पर GRAP लागू किया जाता है. GRAP के चार स्टेज हैं. बढ़ते प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में अब GRAP-1 के साथ GRAP-2 की पाबंदियां भी लागू हैं. हालांकि प्रदूषण में कोई भी सुधार होता नहीं नजर आ रहा है.