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Ariha shah Case: 20 महीनों से माता-पिता से दूर बेटी, Germany Court ने दंपति को बच्ची देने से किया इनकार, जानिए क्या है अरिहा शाह का पूरा मामला

German court Ariha shah Case: जर्मनी के पैंको में एक जिला अदालत ने भारतीय दंपति भावेश और धारा की उनकी बेटी अरिहा शाह की कस्टडी देने से इनकार कर दिया है. दंपति ने इसके लिए कोर्ट में याचिया दायर की थी जिसको कोर्ट ने खारिज कर दिया है. 28 महीने की बेबी अरिहा शाह पिछले 20 महीने से अपने माता-पिता से दूर है.

जर्मनी कोर्ट ने अरिहा शाह की कस्टडी देने से किया इंनकार जर्मनी कोर्ट ने अरिहा शाह की कस्टडी देने से किया इंनकार
हाइलाइट्स
  • माता-पिता को नहीं मिली बेटी अरिहा शाह की कस्टडी

  • 20 महीनों से माता-पिता से दूर है अरिहा शाह

Ariha Shah Case: जर्मनी की अदालत से भारतीय दंपति धारा और भावेश शाह को झटका लगा है. कोर्ट ने भारतीय दंपति को उनकी 28 महीने की बेटी अरिहा शाह की कस्टडी देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने बच्ची को जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय( जुगेंडम ) को सौंपने का फैसला सुनाया है. सात महीने की आयु में अरिहा ( जो अब 28 महीने की है ) को दो चोटें लग गई थी, जिसके बाद सितंबर 2021 में अरिहा को देखभाल के लिए जुगेंडमट भेज दिया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को भारतीय दंपति की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने जर्मन सरकार को अरिहा की कस्टडी दे दी. जिसके बाद बच्ची को जुगेंडमट भेजने का फैसला किया गया. इससे पहले 19 राजनीतिक दलों के 59 सांसदों ने नई दिल्ली में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन को एक संयुक्त पत्र लिखा था, जिसमें अरिहा शाह को भारत वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा था. रिपोर्ट के अनुसार, पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस, बीजेपी, डीएमके, एनसीपी, टीएमसी, अकाली दल, बसपा, शिवसेना, एसपी, आरजेडी, आप, सीपीएम, सीपीआई के सांसद शामिल थे.

क्या है अरिहा शाह का पूरा मामला

भावेश शाह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अपनी पत्नी धारा के साथ जर्मनी में रहते है. उनकी बेटी अरिहा शाह जब सात माह की थी तब उससे खेलते हुए चोट लग गई. भावेश और धारा अपनी बच्ची को लेकर अस्पताल गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने आरोप लगा दिया, कि बच्ची का यौन शोषण हुआ है. जिसके बाद बच्ची को जर्मन अधिकारियों ने कस्टडी में ले लिया. दंपति का कहना है कि एक मामूली दुर्घटना में बच्ची को चोट लग गई थी, जिसकी वजह से उसके प्राइवेट पार्ट से खून बहने लगा था. लेकिन वहां के अधिकारियों ने भावेश और धारा की एक न सुनी और बच्ची को फॉस्टर होम भेज दिया. इसके बाद से ही भारतीय दंपति बच्ची की कस्टडी की मांग कर रही है.

विदेश मंत्रालय ने भी जर्मनी अधिकारियों से किया संपर्क

भारतीय दंपति ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें बच्ची को सीधे उनके पास लौटाने या कम से कम उसे भारतीय कल्याण सेवा को सौंपने की सिफारिश की थी, लेकिन जर्मन कोर्ट ने आवेदन को खारिज करते हुए कहा है कि "माता-पिता अब अपने बच्चे के ठिकाने के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं". कोर्ट के इस फैसले के बाद भारतीय दंपति धारा और भावेश शाह को निराशा मिली है. इससे पहले 3 जून को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जर्मन अधिकारियों से अरिहा शाह की हिरासत जल्द से जल्द सौंपने का आग्रह करते हुए कहा था कि अरिहा एक भारतीय नागरिक हैं और उनकी राष्ट्रीयता और सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि सबसे महत्वपूर्ण है जहां उसकी देखभाल हो सकें.