प्याज के महंगा होने से लोग परेशान हैं. लेकिन जल्द ही इससे राहत मिल सकती है. देश में सबसे ज्यादा प्याज का उत्पादन करने वाले राज्य महाराष्ट्र में खरीफ सीजन की प्याज की अच्छी आवक 20 नवंबर से 10 दिसंबर तक हो सकती है. मार्केट में इसके आने से प्याज की दाम में गिरावट हो सकती है. हालांकि आमतौर पर ये प्याज हर साल अक्टूबर तक तैयार हो जाती है. लेकिन इस बार मानसून की बारिश नहीं होने की वजह से एक महीने लेट है. इसलिए प्याज के दाम बढ़े हैं. हालांकि जल्द ही इससे राहत मिल सकती है.
महाराष्ट्र में साल में प्याज की 3 फसल-
ज्यादातर प्रदेशों में साल में एक बार प्याज की फसल होती है. लेकिन महाराष्ट्र ऐसा राज्या है, जहां साल में तीन बार प्याज की फसल होती है. यही कारण है कि महाराष्ट्र में प्याज के उत्पादन से ही देश में प्याज की कीमतें तय होती है. खरीद, खरीफ के बाद और रबी सीजन में इसकी पैदावर होती है.
महाराष्ट्र में नासिक, कोल्हापुर, सोलापुर, पुणे, अहमदनगर और धुले जैसे जिलों में इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है. लेकिन नासिक इसकी खेती के लिए सबसे ज्यादा फेमस है. नासिक में लासलगांव में एशिया की सबसे बड़ी मंडी है. यहां प्याज की सबसे ज्यादा नीलामी होती है.
कब-कब होती सूबे में प्याज की बुआई-
महाराष्ट्र में खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जून-अगस्त महीने में की जाती है, जो सितंबर-अक्टूबर में तैयार होती है. इस सूबे में प्याज के दूसरे सीजन को लेट खरीफ कहते हैं. इसकी बुआई अगस्त-सितंबर में होती है. यह प्याज दिसंबर तक मार्केट में आ जाती है. प्याज की तीसरी फसल रबी फसल है. इसमें दिसंबर-जनवरी में बुआई होती है, जबकि फसल की कटाई मार्च से लेकर मई तक होती है.
महाराष्ट्र में कुल प्याज उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में होती है. इस सीजन का प्याज स्टोर किया जाता है. जबकि खरीफ और लेट खरीफ सीजन का प्याज स्टोर करने लायक नहीं होता. महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि अगर महाराष्ट्र के किसान प्याज की खेती बंद कर देंगे तो देश में प्याज 100 से 150 रुपए किलो बिकने लगेगा.
प्याज की खेती छोड़ रहे किसान-
महाराष्ट्र में प्याज की ज्यादा पैदावार की वजह से देशभर में प्याज का दाम काबू में रहता है. एक सीजन में प्याज लेट होने से दाम आसमान छूने लगे हैं. लेकिन इससे भी बड़ी चिंता ये है कि अब सूबे के किसान प्याज की खेती कम कर रहे हैं. वो प्याज की जगह मक्का और सोयाबीन की फसल उगाना चाहते हैं. क्योंकि मक्का और सोयाबीन महंगा बिकता है, जबकि प्याज काफी कम कीमत पर बेचना पड़ता है.
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