
Budget 2025 Timing: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार से शुरू हुए बजट सत्र के दौरान इस सप्ताह संसद में केंद्रीय बजट 2025 भाषण देने के लिए तैयार हैं. संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी, 2025 को शुरू हो चुका है. यह 13 फरवरी को समाप्त होगा. केंद्रीय बजट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो आने वाले वित्त वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था और इसके विभिन्न क्षेत्रों के लिए रोडमैप तैयार करता है.
आने वाले बजट पर खासतौर पर मिडल क्लास की निगाहें टिकी हुई हैं. उन्हें उम्मीद है कि यह बजट उनकी जेब को थोड़ी राहत पहुंचाएगा. साथ ही वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग ने देश के इकोनॉमिक सर्वे के साथ बजट से जुड़ी कुछ सिफारिशें की हैं. इस बजट से देश की कुल क्या उम्मीदें हैं, बजट कितने बजे पेश होगा और आप इसे लाइव कहां देख सकेंगे, आइए डालते हैं नजर.
कितने बजे पेश होगा, कहां देख सकेंगे लाइव?
बजट एक फरवरी सुबह 11 बजे पेश होगा. यह वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण का आठवां बजट होगा. दर्शक गुड न्यूज टुडे (Good News Today) के टीवी चैनल पर बजट लाइव देख सकते हैं. इसके अलावा जीएनटी के यूट्यूब चैनल और वेबसाइट पर भी बजट का लाइव प्रसारण देखा जा सकता है. बजट से जुड़ी अहम जानकारी जीएनटीटीवी डॉट कॉम पर भी मौजूद होगी.
बजट से क्या हैं उम्मीदें?
इस बार के बजट में बड़े पूंजीगत व्यय की घोषणा की उम्मीद है. खासतौर पर सड़क मार्गों और भारतीय रेलवे के विकास पर बड़ा निवेश होने की उम्मीद है. आम आदमी, वेतनभोगी करदाता और मध्यम वर्ग के नागरिक इनकम टैक्स दरों में राहत की उम्मीद कर रहे हैं.
टैक्सपेयर्स को विशेष रूप से नई इनकम टैक्स व्यवस्था की दरों में बदलाव की उम्मीद है. कई करदाताओं ने 2020 के बाद इसका रुख तो किया है लेकिन इसकी ऊंची दरें अब भी कइयों के लिए चिंता का विषय हैं.
क्या कहता है इकोनॉमिक सर्वे
हर साल वित्त मंत्रालय का आर्थिक कार्य विभाग मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) की अगुवाई में बजट से पहले एक आर्थिक सर्वे जारी करता है जो देश की अर्थव्यवस्था की नब्ज टटोलता है. यह सर्वे सरकार से बजट से जुड़ी कुछ सिफारिशें भी करता है.
इस बार सर्वे में बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक माहौल चुनौतीपूर्ण बन गया है जिसकी वजह से व्यापार और निवेश को तगड़ा झटका लगा है, जिसकी वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में ठहराव के संकेत दिखने लगे हैं. इसके अलावा वैश्विक व्यापार पर चीन का वरचस्व भी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है.
सर्वे में कहा गया कि इस सब के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिरता के साथ आगे बढ़ रही है. हालांकि विभाग ने घरेलू अर्थव्यवस्था को 'नियंत्रण मुक्त' करने की सिफारिश भी की, जिससे देश में आर्थिक विकास हो सके.
जब उनसे पूछा गया कि उपभोक्ता मांग को बढ़ाने के लिए सरकार से उनकी क्या सिफारिश है, तो मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा, “सिफारिश न केवल केंद्र सरकार बल्कि देश भर की सभी सरकारों से है कि रोजगार, आय सृजन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएं."
उन्होंने कहा, "विनियमन की सिफ़ारिश ठीक उसी दिशा में है... नियमों को सरल बनाकर और छोटे व्यवसायों को प्रभावित करने वाले विनियमन के नट और बोल्ट को देखकर हम उनके लिए व्यवसाय करने की लागत कम कर रहे हैं. इसलिए उनके लिए अधिक लोगों को काम पर रखने के लिए जगह खोल रहे हैं. इससे आय में वृद्धि होगी और इसलिए खपत में वृद्धि होगी.”
ऐसे में बजट से उम्मीद की जा सकती है कि देश में नौकरियों के सृजन पर और मिडल क्लास की जेब को थोड़ी राहत पहुंचाने पर जोर दिया जाएगा.