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कौन थे संभाजी जिनके नाम पर रखा गया है महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम

महाराष्ट्र कैबिनेट की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के औरंगाबाद शहर का नाम संभाजीनगर तथा उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव रखने को मंज़ूरी दे दी है.

Who is Sambhaji  (Source: Sambhaji.com) Who is Sambhaji (Source: Sambhaji.com)
हाइलाइट्स
  • मुगलों से शुरू की जंग

  • औरंगाबाद का बदला नाम

महाराष्ट्र में सियासी उठा पटक के बीच उद्धव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. शहरों का नाम बदलने को लेकर भी सियासत होती आई है. अब ये लहर महाराष्ट्र पहुंची है और उद्धव कैबिनेट ने दो शहरों और एक एयरपोर्ट का नाम बदलने का फैसला लिया है. अब औरंगाबाद को संभाजीनगर के नाम से जाना जाएगा. वहीं उस्मानाबाद को नाम धारशिव रखा गया है. इसके अलावा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का नाम बदलकर स्वर्गीय डी.बी. पाटिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखने को लेकर बात बनी है.

औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किया गया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे. बता दें कि शिवसेना का नाम भी छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर ही रखा गया है.

कौन थे संभाजी
महाराष्ट्र समेत भारत के कई हिस्सों में संभाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है. शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र संभाजी भोसले मराठा साम्राज्य के दूसरे शासक थे. संभाजी का जन्म 14 मई 1657 को हुआ था. वो शिवाजी महाराज की पहली पत्नी सईबाई के बेटे थे. जब संभाजी दो साल के थे तब उनकी मां चल बसी थीं. इसके बाद उनकी परवरिश उनकी दादी जिजाबाई ने की. सबसे बड़े बेटे होने के नाते संभाजी ने पिता की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य की कमान संभाली और दूसरे शासक बनकर सामने आए.

मुगलों से शुरू की जंग
संभाजी महाराज मराठा धर्म रक्षक थे और वे अपनी निडरता के लिए जाने जाते हैं. 20 जुलाई 1680 को संभाजी की ताजपोशी हुई. सत्ता में आने के बाद संभाजी ने मुगलों से जंग शुरू की.  उन्होंने बुरहानपुर शहर पर हमला किया और उसे मुगलों से छुड़ाने के लिए युद्ध किया. शहर की सुरक्षा के लिए रखी गई मुगल सेना के परखच्चे उड़ गए. शहर को आग के हवाले कर दिया गया. इसके बाद से मुगलों से उनकी हमेशा से दुश्मनी रही. 11 मार्च 1689 को उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर औरंगजेब ने उनकी जान ले ली.