![Ram Mandir Invitation Card](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/styles/medium_crop_simple/public/images/story/202401/invitation_0.jpeg)
![Invitation letter for the consecration of Ram temple. Invitation letter for the consecration of Ram temple.](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202401/6596a6eb85405-ram-temple-inauguration-041335618-16x9.jpg?size=948:533)
22 जनवरी को होने वाला राम मंदिर (Ram Mandir) का प्राण प्रतिष्ठा समारोह जितना भव्य होगा, इसका निमंत्रण पत्र भी उतना ही ख़ास है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण पत्र की एक्सक्लूसिव तस्वीरें सामने आई हैं. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पत्र बेहद ही खास है. कवर पर भव्य मंदिर का चित्र है वहीं इसके अंदर बाल रूप में राम का चित्र भी है. मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों पर बुकलेट भी निमंत्रण पत्र के साथ दिया जा रहा है.
निमंत्रण पत्र के कवर पर भव्य राम मंदिर का चित्र बना है. इसके साथ ही लिफाफे पर भी मंदिर का चित्र बना है. सदियों बाद ऐसा समय आया है, इसको देखते हुए निमंत्रण पत्र पर अपूर्व, अनादिक निमंत्रण लिखा है. अंदर भी मंदिर का चित्र है तो वहीं 'कमल पुष्प' पर खड़े धनुर्धारी राम का चित्र भी है. राम का चित्र बाल रूप में है.
सुनहरे रंग के निमंत्रण पत्र को कई अलग अलग भागों के बाँटा गया है. निमंत्रण पत्र में मुख्य कार्यक्रम की सूची में सबसे पहले प्रमुख अतिथियों का नाम है. इसमें सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उसके बाद क्रम से संघ प्रमुख मोहन भागवत, यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उसके बाद श्रीराम ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का नाम है. यही वो पाँच विभूतियाँ हैं जो मुख्य पूजा में रहेंगे.
निमंत्रण पत्र में अतिथियों के लिए प्रोटोकॉल और समय की जानकारी है. प्राण प्रतिष्ठा पूजा के कार्यक्रम का समय सुबह 11:30 बजे से होगा. 11:30 बजे अतिथियों का आगमन होगा. उसके बाद मंगल विधि से प्राण प्रतिष्ठा पूजा 11:30 से 12:30 बजे तक होगी. 12:30 बजे से प्रधानमंत्री समेत इन विभूतियों का उद्बोधन भी होगा. निमंत्रण पत्र में लिखा है कि इन विभूतियों के प्रस्थान के बाद ही उपस्थित संतों और लोगों का रामलला का दर्शन प्रारम्भ होगा.
निमंत्रण पत्र पर 'निवेदक' के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों का नाम है. राम मंदिर के लिए सक्रिय रहे दिवंगत लोगों और संतों पर एक बुकलेट 'संकल्प' भी निमंत्रण पत्र के साथ दिया जा रहा है. इसमें कवर के बाद भूमिका लिखी है. बुकलेट में बताया गया है कि यह राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को समर्पित है. इसमें ये बताया गया है कि 1528 से 1984 तक राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वाले ऐसे लोगों को समर्पित है जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष 76 संघर्षों में भाग लिया था. साथ ही ये भी लिखा है कि इस संघर्ष से प्रेरणा लेकर अक्टूबर 1984 को सरयू तट पर 77वाँ संघर्ष प्रारम्भ हुआ था.
इसके बाद रामलला की मौजूदा विग्रह की तस्वीर है. इसी विग्रह की इस समय अस्थाई मंदिर में पूजा हो रही है. इसमें गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई 'प्रभु की कृपा भयऊ सब काजू, जन्म हमार सुफल भा आजू' लिखी है. उसके बाद रामानुज परम्परा के संत ब्रह्मलीन देवरहा बाबा की तस्वीर है. उन्होंने 1989 के कुम्भ में राम मंदिर आंदोलन का समर्थन किया था. बुकलेट में देवरहा बाबा के बाद संत अभिराम दास, महंत परमहंस रामचंद्र के चित्र और मंदिर के लिए अदालती लड़ाई और आंदोलन करने वाले अन्य लोगों के चित्र और उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी है.