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Ram Mandir in Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम, यहां जानिए 15 से 22 जनवरी तक का पूरा शेड्यूल

17 तारीख को भगवान रामलला अपने निर्माण स्थल से मंदिर में पधारे जाएंगे. वहां पर उनका विधिवत स्वागत होगा. सारी पूजा उसी दिन प्रात काल शुरू होगी. यह पूजा 18 से 22 जनवरी तक चलेगी. 17 जनवरी को भगवान रामलला अयोध्या नगर का भ्रमण करेंगे और सभी प्रमुख मंदिरों और देवालयों का दर्शन भी करेंगे.

Ram Mandir Ayodhya Ram Mandir Ayodhya

मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण  होने के साथ श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारी शुरू हो जाएगी.लिहाजा राम भक्तों की भी जिज्ञासा होगी कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में किस दिन क्या होगा और यह पूरा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम किस तरह किया जाएगा. इसी के साथ यह भी जानने का कौतूहल होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन 22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि परिसर पहुंचेंगे तो वह क्या-क्या करेंगे? हमने आपके मन में उमड़ते इन्हीं सवालों के जवाब तलाशे हैं. हम बताते हैं कि यह पूरा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम किस तरह आगे बढ़ेगा.

सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि 22 जनवरी 2024 को जब रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न होगा और श्रद्धालु भव्य मंदिर में अपने आराध्य के दर्शन करेंगे तो उन्हें श्रीराम की एक नहीं दो मूर्तियां दिखाई देंगी. मंदिर के गर्भगृह के मुख्य चबूतरे पर नवनिर्मित वह मूर्ति होगी जिसकी प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को खास मुहूर्त में की जाएगी. प्रभु श्रीराम की दूसरी मूर्ति अस्थाई मंदिर से ले जाकर वहां विराजमान की जाएगी लेकिन इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नहीं होगी. इन मूर्तियों को चल मूर्ति या उत्सव मूर्ति कहा जाएगा.

अब बात करें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तो लंबे इंतजार के बाद रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है तो प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम भी लंबा और भव्य होने वाला है. लिहाजा सूर्य उत्तरायण होते ही इसकी तैयारी शुरू हो जाएंगी. मकर संक्रांति के दिन 15 जनवरी को सभी तैयारियां को परखा जाएगा. हर अनुष्ठान के यजमान होते हैं, लिहाजा 16 जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से चुने गए यजमान सरयू तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजन, पंचगव्य प्राशन और गोदान के साथ उन लोगों को भी श्रद्धांजलि देंगे जिन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के दौरान अपना सर्वस्व बलिदान किया था. 

17 जनवरी को अयोध्या में राम भक्तों का विहंगम सैलाब दिखाई देगा क्योंकि इसी दिन कलश यात्रा के साथ नवनिर्मित रामलला की मूर्ति का नगर भ्रमण होगा. नगर भ्रमण के बाद प्राण प्रतिष्ठित होने वाली इस मूर्ति को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ले जाया जाएगा. रामलला की मूर्ति मंदिर में पहुंचने के बाद प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का विधि विधान से शुभारंभ हो जाएगा. इसलिए 18 जनवरी को सबसे पहले मंडप प्रवेश पूजन, वास्तु पूजन, वरुण पूजन, विघ्नहर्ता गणेश पूजन और मार्तिका पूजन के साथ रामलला की मूर्ति का जलाधिवास शुरू हो जाएगा. 

अब जैसा कि आप जानते हैं अनुष्ठान और यज्ञ पूजन के लिए अग्नि का प्रज्वलन होता है, लिहाजा 19 जनवरी को राम मंदिर में भी अग्नि का प्रज्वलन होगा लेकिन खास विधि से. राम मंदिर के लिए अग्नि का प्रज्वलन अरणीय मंथन के जरिए होगा. इस विधि में लंबी सी वर्मा की तरह लकड़ी से बने खास यंत्र (जिसे लकड़ी में पहले छेद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था) का इस्तेमाल होगा. बस वर्मा यंत्र की तरह इसमें नीचे लोहे का सूजा नहीं होगा. इस लकड़ी में डोरी लगाकर मंथन किया जाएगा. लकड़ी के घर्षण से अग्नि प्रकट होगी जिस अग्नि को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की अग्नि जागृत करने में होगा. अग्नि प्रज्वलन करने के बाद सबसे पहले यज्ञवेदी में वैदिक विधि से होम होगा. इसी के साथ प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हो जाएगी. इसी दिन नौ ग्रह की स्थापना भी होगी.

अनुष्ठान की शुरुआत होने के बाद 20 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर को 81 कलशों में इकट्ठा किए गए अलग-अलग नदियों के जल से पवित्र किया जाएगा और वास्तु शांति अनुष्ठान के साथ राम लला की मूर्ति का अन्नाभिषेक होगा. इसी तरह 21 जनवरी को यज्ञ विधि में विशेष पूजन और हवन के बीच राम लला का 125 कलशों से दिव्य स्नान होगा. इसी के बाद राम लला की मूर्ति का शय्याधिवास और फिर मूर्ति की स्थापना हो जाएगी. 

अब बात करें 22 जनवरी की, जिस दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है तो उस दिन मध्यकाल में मृगशिरा नक्षत्र में प्राण प्रतिष्ठा की महापूजा होगी. इस खास पूजा की समाप्ति के बाद प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति पर अक्षत डालने के बाद महाआरती होगी जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे. जो उस दिन प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के यजमान होंगे. 

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं, 'सूर्य के उत्तरायण होते ही भोर से राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का विधि विधान शुरू हो  जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू होने के बाद जो नियम है जैसे अन्नाधिवास, जलधिवास, औषधि अधिवास, पुष्प अधिवास इसमें प्रतिष्ठित की जाने वाली मूर्ति को रखा जाएगा. कितने समय तक मूर्ति को अन्न में रखा जाए, जल में रखा जाए, औषधि में रखा जाए- यह वैदिक विद्वान विधि अनुसार तय करेंगे. इन सब कार्यक्रम में चार से पांच दिन लगेंगे. इसीलिए कार्यक्रम 15 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा । मूर्ति को नगर भ्रमण करने की भी बात कही जा रही है ।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी कहते हैं, '16 तारीख को लगभग कुछ भी नहीं होगा. 17 तारीख को भगवान रामलला अपने निर्माण स्थल से मंदिर में पधारे जाएंगे. वहां पर उनका विधिवत स्वागत होगा. सारी पूजा उसी दिन प्रात काल शुरू होगी. यह पूजा 18 से 22 जनवरी तक चलेगी. 17 जनवरी को भगवान रामलला अयोध्या नगर का भ्रमण करेंगे और सभी प्रमुख मंदिरों और देवालयों का दर्शन भी करेंगे.'