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Plastic के कचरे से बनेगी सड़क, Ayodhya की पांच सड़कों समेत उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में होगा प्रयोग शुरू 

उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में प्लास्टिक के कचरे से सड़क निर्माण का प्रयोग शुरू होगा. मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शहरी (सीएम-ग्रिड) योजना के तहत इन सड़कों का निर्माण किया जाएगा.

Ram Mandir in Ayodhya (Photo: PTI) Ram Mandir in Ayodhya (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • प्लास्टिक के कचरे से सड़क निर्माण

  • पूरी तरह से नई तकनीक है ये 

प्लास्टिक के कचरे से बायोफ्यूल बनाने की अवधारणा तो आपने सुनी होगी? लेकिन विदेशों की तरह अब प्लास्टिक के कचरे से इको फ्रेंडली सड़क का निर्माण भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शहरी योजना के तहत पहले चरण में अयोध्या नगर निगम की 5 सड़कों का निर्माण किया जाएगा. रुड़की के सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने इसके लिए न सिर्फ ट्रेनिंग दी है बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो इससे न सिर्फ प्लास्टिक के कचरे से छुटकारा मिलेगा बल्कि इसका बेहतर उपयोग भी किया जा सकेगा. 

प्लास्टिक के कचरे से सड़क निर्माण

उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों में प्लास्टिक के कचरे से सड़क निर्माण का प्रयोग शुरू होगा. मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शहरी (सीएम-ग्रिड) योजना के तहत इन सड़कों का निर्माण किया जाएगा. सड़क निर्माण के लिए गिट्टी और चारकोल का उपयोग होता है. अब तारकोल में 10 फीसदी प्लास्टिक के कचरे से बने पेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा सीजीबीएम यानि सीमेंट ग्राउटेड बिट्यूमिसनस मैकेडम का भी इस्तेमाल होगा, जिससे बरसात के समय पानी सड़क के अंदर ना जा सके. इसके लिए पहले चरण में नगर क्षेत्र की उन पांच सड़कों को चुना गया है, जिनकी चौड़ाई 10 मीटर या उससे अधिक है. सड़कों के किनारे हरियाली रहे और फुटपाथ का इस्तेमाल स्टैंड के रूप में भी किया जाए इस योजना पर भी काम शुरू हो गया है.

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पूरी तरह से नई तकनीक है ये 

अयोध्या के नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने इस तकनीक के बारे में बताया. उन्होंने कहा, “यह एक नई तकनीक है. प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. प्लास्टिक के कई सामान बैन हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और इंजीनियरिंग जो संस्थाएं हैं सभी के द्वारा इसमें स्टडी की गई है और इसमें पाया गया है कि हम लोग बिटमिन (तारकोल ) में 10% की सीमा तक प्लास्टिक मिला सकते हैं. हम कोशिश करेंगे कि अयोध्या में भी इसका प्रयोग हो. जो नई सड़क बनाई जानी है नगर निगम क्षेत्र में उसमें हम इसका उपयोग करेंगे.”

आगे संतोष शर्मा ने कहा कि जब टेंडर होंगे तो हम उसमें इस तरह की शर्त रखेंगे. इससे सड़कों की गुणवत्ता बेहतर होगी और जो पानी की वजह से नुकसान होता है वह भी कम होगा. सड़के क्षतिग्रस्त कम होंगी तो अयोध्या में भी इसका प्रयोग किया जाएगा. हम लोग तय कर रहे हैं कि इसको किस तरह से आगे बढ़ाएं. जो पांच सड़के अभी स्वीकृत है उसमें हम इसका प्रयोग करेंगे. यह स्मार्ट सड़कें होगी, फुटपाथ स्टैंड होगा और ग्रीन साइड होगी.”