अयोध्या का रामकथा संग्रहालय अब श्रीराम ट्रस्ट के अधीन काम करेगा. यूपी सरकार के संस्कृति विभाग और श्रीराम ट्रस्ट के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद ट्रस्ट को संग्रहालय हैंडओवर हो जाएग. अनेक महत्वपूर्ण पुरावशेषों और वस्तुओं को संग्रहित करने वाले राम कथा संग्रहालय के श्रीराम ट्रस्ट को सौंपे जाने पर योगी कैबिनेट की मुहर पहले ही लग चुकी है. अब औपचारिक समझौते (MoU) के ज़रिए इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
यूपी का सबसे महत्वपूर्ण स्थल
अयोध्या में सरयू तट पर बना अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय और आर्ट गैलरी रामनगरी के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है. यूपी सरकार आज राम कथा संग्रहालय और आर्ट गैलरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपने की प्रक्रिया पूरी करेगी. इसके लिए लखनऊ में समझौता पत्र कर हस्ताक्षर होंगे. लखनऊ में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय की मौजूदगी में यह ‘समझौता ज्ञापन’ होगा.
वहीं, यूपी सरकार की ओर से पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र मौजूद रहेंगे. इसके बाद श्रीराम ट्रस्ट को ये संग्रहालय लीज़ पर मिल जाएगा. यूपी के पर्यटन महानिदेशक मुकेश मेश्राम ने बताया कि ट्रस्ट को रामकथा संग्रहालय सौंपने को लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. लखनऊ में समझौता ज्ञापन के ज़रिए प्रक्रिया पूरी होगी.
नृपेंद्र मिश्र ने की यह पहल
श्रीराम ट्रस्ट और यूपी सरकार के संस्कृति और पर्यटन विभाग के बीच इस करार के बाद राम से जुड़े 1000 से ज़्यादा प्राचीन और दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह भी ट्रस्ट की हैंडओवर हो जाएगा. श्रीराम से जुड़ा अपनी तरह का ये एकमात्र संग्रहालय अभी यूपी सरकार के संस्कृति और पर्यटन विभाग के अधीन है.
दरअसल, श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने इस बात की पहल की थी कि यह संग्रहालय ट्रस्ट को मिले. इसके लिए उन्होंने यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. इसके तमाम व्यावहारिक और अन्य पहलुओं पर योजना बद्ध तरीक़े से काम होने के बाद सैद्धांतिक सहमति बनी. उसके बाद योगी कैबिनेट की बैठक में ये फ़ैसला किया गया कि राम कथा संग्रहालय श्रीराम ट्रस्ट को सौंपा जाए.
दुर्लभ मूर्तियों और वस्तुओं का संग्रह
राम कथा संग्रहालय में प्राचीन और दुर्लभ मूर्तियों और महत्वपूर्ण पुरावशेष संग्रहित हैं. इनकी संख्या क़रीब 1000 है. गुप्त और शुंग काल की मूर्तियां और बलुआ पत्थर की प्राचीन मूर्तियां भी यहां रखी हैं. ये मूर्तियां क़रीब 300-350 साल पहले की बतायी जाती हैं. वहीं, अलग- अलग समय के कई प्राचीन सिक्के भी यहां संकलित हैं. इसमें कई महत्वपूर्ण पांडुलिपियां हैं. वहीं सोने और चांदी की कई मूर्तियां भी यहां हैं. लव और कुश की प्राचीन मूर्तियां भी मौजूद हैं.
संग्रहालय में राम मंदिर स्थल की खुदाई से प्राप्त कई महत्वपूर्ण अवशेष भी हैं. इसमें गुमनामी बाबा से जुड़ी कई वस्तुएं भी रखी गयी हैं. वहीं क़रीब 1000 किताबों का संकलन भी यहां हैं. रामकथा संग्रहालय में आर्ट गैलरी भी है. यहां दुनिया भर में श्रीराम से जुड़े कई महत्वपूर्ण वस्तुओं को भी प्रदर्शित किया गया है. पहले अयोध्या के तुलसी स्मारक भवन में इस संग्रहालय की स्थापना की गयी थी. बाद में सरयू तट पर अलग से भवन बना कर इसे स्थानांतरित किया गया जो क़रीब 13 करोड़ रुपए से तैयार किया गया.
रामकथा संग्रहालय को श्रीराम ट्रस्ट को सौंपने के बाद उन पुरावशेषों को भी इसमें शामिल किया जाएगा जो राम जन्मभूमि पर खुदाई के दौरान मिले हैं. श्रीराम से जुड़े प्राचीन और दुर्लभ साक्ष्यों और वस्तुओं को अब लोग एक ही जगह पर देख पाएंगे.
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