केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देश के हर एक नागरिक तक राज्य-संचालित स्वास्थ्य योजनाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए 'आयुष्मान भव' कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि इस कार्यक्रम के तहत, आयुष्मान आपके द्वार 3.0, आयुष्मान सभा, आयुष्मान मेला और आयुष्मान ग्राम जैसे कुछ गतिविधियां निर्धारित हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि अभियान का उद्देश्य सभी स्वास्थ्य योजनाओं का व्यापक कवरेज सुनिश्चित करना है ताकि हर एक लाभार्थी को फायदा हो.
क्या है आयुष्मान आपके द्वार 3.0 का उद्देश्य
आयुष्मान आपके द्वार 1 और 2 अभियान सफलतापूर्वक संचालित किए गए हैं. सूत्रों ने बताया कि आयुष्मान आपके द्वार 3.0 के तहत पूरा कवरेज सुनिश्चित करने के लिए सितंबर से गहन अभियान शुरू होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाल ही में कहा कि गांवों में घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाएं जाएंगे.
साथ ही, आयुष्मान सभा एक ग्राम-स्तरीय अभियान होगा जिसके तहत ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण समिति के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केंद्र और राज्य सरकारों की सभी स्वास्थ्य योजनाओं का फायदा लक्षित लाभार्थियों तक पहुंच रहा है. इससे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) स्वास्थ्य बीमा योजना कार्डों के महत्व और उनके वितरण तथा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) नंबर तैयार करने के बारे में जागरूकता भी बढ़ेगी.
लोगों को जागरूक करना है लक्ष्य
यह अभियान लोगों को स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के माध्यम से गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Disease) और सिकल सेल रोग के लिए स्क्रीनिंग सर्विसेज के इस्तेमाल के महत्व के बारे में और ट्यूबरकुलोसिस (TB) जैसे संचारी रोगों के उन्मूलन के बारे में जागरूक करने में भी मदद करेगा.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि ये ग्राम सभाएं प्रजनन और बाल स्वास्थ्य मुद्दों, टीकाकरण, पोषण और एनीमिया के बारे में जागरूकता लाने में भी मदद करेंगी. इसके अलावा, ये ग्राम सभा AB-HWCs में मिलने वाली स्वास्थ्य सर्विसेज से संबंधित अपने मुद्दों और चिंताओं को व्यक्त करने के लिए समुदाय के प्रति हेल्थ सिस्टम की सामाजिक जवाबदेही को बढ़ावा देंगी.
हर एक गांव में आयुष्मान सभाएं आयोजित की जाएंगी जहां PMJAY कार्ड बांटे जाएंगे और क्षेत्र में PMJAY पैनल वाले अस्पतालों के बारे में जानकारी दी जाएगी और योजना के तहत ट्रीटमेंट के सभी पैकेजों का फायदा उठाया जा सकता है.
आयुष्मान मेला भी होगा आयोजित
आयुष्मान भव: कार्यक्रम के तहत आयुष्मान मेला - आयुष्मान भारत हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स (AB-HBCs) के स्तर पर आयोजित किया जाएगा. इसके तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए जाएंगे. सूत्र ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में 705 मेडिकल कॉलेज हैं. इसलिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज सालाना लगभग 50 मेडिकल कैंप आयोजित कर सकता है और कम से कम 300-400 ओपीडी ट्रीटमेंट का लक्ष्य रख सकता है.
सभी मेडिकल कॉलेज मिलकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैमो मोड में कम से कम 1.25-1.5 करोड़ मरीजों को इलाज देने में सक्षम हो सकते हैं. आयुष्मान मेलों का उद्देश्य स्वस्थ व्यवहार के बारे में जागरूकता पैदा करना और स्क्रीनिंग के माध्यम से जल्दी डायग्नोसिस देना, दवाओं और निदान के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ टेलीकंसल्टेशन आदि पिछड़े तबके के लोगों पर विशेष ध्यान देने के साथ उचित रेफरल प्रदान करना होगा. इनका उपयोग नियमित टीकाकरण, एनसीडी स्क्रीनिंग, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, बुजुर्ग देखभाल सेवाओं आदि के लिए भी किया जाएगा. इन्हें साप्ताहिक आधार पर आयोजित किया जा सकता है.
आयुष्मान ग्राम को मिलेगा प्रमाण पत्र
आयुष्मान ग्राम की परिकल्पना पीएमजेएवाई कार्ड वितरण, एबीएचए आईडी निर्माण, टीकाकरण कवरेज, एनसीडी स्क्रीनिंग सहित अन्य का 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए की गई है. जो भी गांव सभी योजनाओं को अपनाएगा, उसे आयुष्मान ग्राम घोषित किया जाएगा और प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. आपको बता दें कि यूपी में अयुष्मान पहल के तहत गर्भवती महिलाओं के निःशुल्क अल्ट्रासाउंड के लिए ई-रूपी वाउचर का उपयोग शुरू हो गया है. हम अपने आप में एक अच्छी पहल है और पूरे देश के लिए रोल मॉडल है.