दिग्गज फुटबॉलर और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया. उन्हें सिक्किम विधानसभा चुनाव में हार मिली जिसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया. उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति उनके लिए नहीं है. बता दें कि भूटिया सिक्किम के बरफुंग सीट से सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार रिकशाल दोरजी भूटिया से चुनाव हार गए थे. वह सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के उपाध्यक्ष थे. चलिए जानते हैं कि बाईचुंग भूटिया का राजनीति करियर कैसा रहा और फुटबॉल की दुनिया में उन्होंने कब संन्यास लिया.
छठी बार मिली हार
प्रेस स्टेटमेंट जारी करते हुए भूटिया ने सबसे पहले सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को जीत की बधाई दी. और कहा 2024 के चुनाव नतीजे आने के बाद एहसास हुआ कि राजनीति मेरे लिए नहीं है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता था कि मेरे पास खेल और पर्यटन को लेकर अच्छे आइडिया हैं. अगर मुझे मौका मिलता तो मैं उन्हें लागू करता. मैं राज्य के विकास में योगदान देना चाहता था लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हो सका. अब मुझे लगता है कि मेरे से बेहतर लोग हैं. उन्होंने लोगों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर जाने-अनजाने में मुझसे किसी को ठेस पहुंची है तो माफ करें.
2024 में हारे
2024 चुनाव में भूटिया बारफुंग विधानसभा सीट से सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी की टिकट पर मैदान में थे. इस चुनाव में उन्हें 4250 से ज्यादा वोटों से हार मिली. बता दें कि सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के कैंडिडेट रिक्सल दोरजी भूटिया को 8,300 वोट मिले थे वहीं बाईचुंग भूटिया को 4,012 वोट ही मिले.
2018 में बनाई अपनी पार्टी
2018 में बाइचुंग भूटिया ने हमरो सिक्किम पार्टी बनाई. लेकिन 2023 में उन्होंने अपनी पार्टी का सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी में विलय कर लिया. उन्होंने इससे पहले 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी के टिकट पर सिलीगुड़ी से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. टीएमसी के टिकट पर ही 2014 में उन्होंने दार्जिलिंग से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी उन्हें हार ही मिली.
2019 में दो चुनाव हारे
2019 विधानसभा चुनाव में सिक्किम के गंगटोक और तुमेन-लिंगी से बाइचुंग भूटिया ने चुनाव लड़ा लेकिन यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद राजधानी गंगटोक से चुनाव भी हार गए.
2011 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास ले लिया था. पद्मश्री से सम्मानित हो चुके भूटिया ने शानदार खेल से लोगों का ध्यान फुटबॉल की तरफ खींचा. उन्हें अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.