scorecardresearch

UP Bans Dog Breed: उत्तर प्रदेश में कुत्तों की इन 23 नस्लों को किया गया बैन, सरकार ने जारी की खतरनाक माने जाने वाले कुत्तों की लिस्ट 

इस प्रतिबंध के पीछे सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का हवाला दिया गया है. जिसे अधिकारियों का पूरा समर्थन मिल रहा है. लेकिन इस  फैसले को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और कार्यकर्ताओं ने इसकी काफी आलोचना की है.

Dogs Banned in UP (Photo: Pixabay) Dogs Banned in UP (Photo: Pixabay)
हाइलाइट्स
  • क्रॉस ब्रीड पर भी होगा प्रतिबंध 

  • सार्वजनिक सुरक्षा का दिया गया है हवाला 

उत्तर प्रदेश में कुछ कुत्तों पर बैन लगा दिया गया है. इसमें कुत्तों की 23 नस्लें शामिल की गई हैं. यूपी सरकार ने सभी स्थानीय निकायों और जिला प्रशासनों को "खतरनाक" श्रेणी के कुत्तों की 23 नस्लों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. पिछले कुछ समय से कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में कुत्तों से होने वाले संभावित जोखिमों को रोकने के उद्देश्य से ये निर्देश दिया गया है. बैन किए गए कुत्तों की लिस्ट में पिटबुल टेरियर्स, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीनो जैसी लोकप्रिय नस्ल शामिल हैं. 

क्रॉस ब्रीड पर भी होगा प्रतिबंध 

यह प्रतिबंध न केवल इन कुत्तों की नस्लों पर लागू होता है, बल्कि किसी भी प्रतिबंधित नस्लों को शामिल करने वाली क्रॉस ब्रीडिंग पर भी लागू होता है. हालांकि, "टेरियर्स," "वुल्फ डॉग," और "मास्टिफ्स (बोरबुल्स)" की कैटेगरी के संबंध में जानकारी की काफी कमी है. ऐसे में कुत्ते के मालिकों और ब्रीडर्स इसे लेकर स्पष्ट नहीं हैं. 

सम्बंधित ख़बरें

सार्वजनिक सुरक्षा का दिया गया है हवाला 

इस प्रतिबंध के पीछे सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का हवाला दिया गया है. जिसे अधिकारियों का पूरा समर्थन मिल रहा है. लेकिन इस  फैसले को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और कार्यकर्ताओं ने इसकी काफी आलोचना की है. आलोचकों ने प्रतिबंध को मनमाना और अव्यवहारिक बताया है. उन्होंने मौजूदा पालतू जानवरों के मालिकों के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर चिंता जाहिर की है. साथ ही इस फैसले के पीछे परामर्श की कमी और निर्देश के साफ ने होने के संबंध में भी सवाल उठाए हैं.

कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं 

इस फैसले के पीछे कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं का हवाला दिया गया है. कुत्तों के काटने से कई मौतें हो चुकी हैं. ऐसे में फैसले के समर्थकों का तर्क है कि खतरनाक समझी जाने वाली नस्लों को टारगेट करने वाले उपाय सभी की रक्षा के लिए जरूरी है. इसके अलावा, समर्थकों का तर्क है कि इस प्रतिबंध को लेकर पिछले कई साल से विचार और विमर्श चल रहा है. ऐसे में अब बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ये फैसला लेना जरूरी है. 

हालांकि, जिन कुत्तों पर बैन किया गया है और जो मौजूदा समय में पालतू हैं उनको लेकर सवाल उठ रहे हैं. उनके मालिकों ने उनकी नसबंदी और निरंतर देखभाल का आश्वासन दिया है. लेकिन जैसे-जैसे कानूनी लड़ाई सामने आ रही है, वैसे-वैसे प्रतिबंध को लेकर बहस जारी है. 

जिनके पास पहले से कुत्ते हैं?

वहीं इस मामले पर लखनऊ पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने कहा कि सरकार ने 12 मार्च को इस आदेश के जरिए 23 खतरनाक डॉग ब्रीड के अवैध प्रजनन पर रोक लगाई है. इसका सीधा असर गैरकानूनी तरीके से पालने लोगों पर पड़ेगा. हालांकि जिनके पास पहले से लाइसेंस है या कुत्ते को लंबे समय से पालने का प्रमाण है उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. नगर निगम और बाकी बाकी कार्यदाई संस्थाओं के द्वारा आने वाले समय में अभियान चलाकर के गैर कानूनी तौर पर ब्रेड किया जा रहे इन सेंटर पर भी कार्रवाई की जाएगी.

वहीं दूसरी तरफ पशु चिकित्सा में काम कर रहे संस्थाओं ने से बेहतर कदम बताया है. जावाश्रय एनजीओ के संचालक अमित सहगल कहते हैं कि 23 खतरनाक डॉग ब्रीड पर प्रतिबंध लगा है वह ठीक है. लेकिन इस खतरनाक शब्द से ज्यादा ऐसी प्रजातियों के कुत्तों पर आम लोगों की जागरूकता की जरूरत है. इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो गैरकानूनी तरीके से बाहर की प्रजातियों के कुत्तों का प्रजनन करते थे और इसके कारोबार में लिप्त हैं. हालांकि जिनके पास लाइसेंस है उन्हे चिंता करने की जरूरत नहीं है. नियम के मुताबिक चलने वालों पर इसका असर नहीं होगा. वहीं अपार्टमेंट्स और रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों के साथ हो रही घटनाओ पर भी रोक लगेगी.

(इनपुट- अभिषेक मिश्रा)