कर्नाटक स्थित बांदीपुर टाइगर रिजर्व ने 50 साल पूरे कर लिए हैं. सालगिरह पर 9 अप्रैल 2023 को कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसका उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांदीपुर टाइगर रिजर्व में सफारी यात्रा का आनंद भी उठाया.
दौरे पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी के न्यू लुक की तस्वीर सामने आई है. इसमें पीएम खाकी रंग के पेंट के साथ प्रिंटेड टी शर्ट में नजर आए. उन्होंने काले रंग की टोपी और काले रंग के जूते भी पहने हुए हैं. फोटो में पीएम मोदी हाथ में हाफ जैकेट लिए नजर आ रहे हैं. पीएम मोदी मुदुमलाल टाइगर रिजर्व भी जाएंगे.
पीएम मोदी ने जारी किया बाघों का नया आंकड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों का नया आंकड़ा जारी कर दिया है. इस नए आंकड़े के अनुसार साल 2022 में देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हो गई है. पहले यह आंकड़ा 2967 का था. इस तरह देश में बाघों की संख्या में 200 की बढ़ोतरी हुई है.
कैसे हुई थी 'प्रोजेक्ट टाइगर' की शुरुआत
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में बाघों की सुरक्षा और उनके संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल, 1973 को बांदीपुर में 'प्रोजेक्ट टाइगर' की शुरुआत की थी. इसके बाद से इस प्रोजेक्ट ने बाघों की आबादी बढ़ाने और संरक्षण प्रयासों में मदद की है. इस रिजर्व को दुनिया में प्रमुख बाघ आवास के रूप में मान्यता प्राप्त है.
शुरू में सिर्फ 12 बाघ थे
प्रारंभ में बांदीपुर में 12 बाघ थे. सुरक्षा उपायों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इस क्षेत्र में बाघों की संख्या काफी बढ़ी है. 19 फरवरी, 1941 को भारत सरकार द्वारा स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाला वन्यजीव पार्क के अधिकांश वन क्षेत्र को शामिल करके बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान का गठन किया गया था. 1985 में इस क्षेत्र का विस्तार 874.20 वर्ग किलोमीटर में किया गया और इसे बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान का नाम दिया गया. बांदीपुर टाइगर रिजर्व के अंतर्गत वर्तमान क्षेत्र 912.04 वर्ग किमी है. 2007-08 में कर्नाटक वन विकास निगम वृक्षारोपण क्षेत्र से जुड़ा 39.80 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र इस प्रभाग को सौंप दिया गया था. 2010-11 के दौरान नुगु वन्यजीव अभयारण्य को भी वन्यजीव प्रभाग को सौंप दिया गया था.
हाथी, बाघ, मगरमच्छ सहित कई जानवर पाए जाते हैं
बांदीपुर नेशनल पार्क में वर्तमान समय में विलुप्त होने के कगार पर हो चुकी वनस्पतियां और जीवन जंतु पाए जाते हैं. इस नेशनल पार्क में हाथी, बाघ, चार सींग वाले मृग, मगरमच्छ, भारतीय रॉक पायथन जैसे कई अन्य जानवर पाए जाते हैं. इस वन क्षेत्र में सागौन, शीशम, चंदन, बांस और ग्रेविया टिबिअ फोलिया आदि वनस्पतियां पाई जाती हैं.
समृद्ध जैव विविधता क्षेत्रों में से एक
बांदीपुर टाइगर रिजर्व की सबसे बड़ी खास बात ये है कि इसका क्षेत्र कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों राज्यों की सीमा के अंतर्गत आता है. यानी इसकी आधी सीमा तमिलनाडु में है और आधी कर्नाटक में हैं. बांदीपुर टाइगर रिजर्व हमारे देश के सबसे समृद्ध जैव विविधता क्षेत्रों में से एक है. यह दक्षिण में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (तमिलनाडु), दक्षिण पश्चिम में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल) से घिरा हुआ है. काबिनी जलाशय बांदीपुर और नागरहोल टाइगर रिजर्व को अलग करता है.
वन्यजीवों को देखने के लिए आते हैं लोग
पार्क में सबसे ऊंची जगह हिमवद गोपालस्वामी बेट्टा नामक पहाड़ी है. इसके शिखर पर प्रसिद्ध मंदिर सफारी राइड दर्शकों की पहली पसंद सफारी राइड है. यहां पर वन्यजीवों को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. बांदीपुर नेशनल पार्क में जीप सफारी, बस सफारी एवं बोट राइड आदि की सुविधा है. बांदीपुर नेशनल पार्क सुबह साढ़े छह बजे खुलता एवं शाम साढ़े आठ बजे बंद हो जाता है. इस नेशनल पार्क में जानें का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च के बीच का होता है.