बरेली में इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पांडेय ने लिंग परिवर्तन करवाने के बाद अब सोनिया पांडेय बन गए हैं. लिंग परिवर्तन करवाने के बाद सोनिया ने अपने कार्यालय के अफसरों से गुहार लगाई कि रेलवे के सभी रिकॉर्ड्स में उन्हें महिला के तौर पर दर्ज किया जाए.
हालांकि, सभी के लिए इस तरह का मामला थोड़ा अलग और नया है. इस कारण इज्जतनगर मण्डल ने पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा था. महाप्रबंधक ने यह मामला रेलवे बोर्ड को भेजा और आखिरकार रेलवे बोर्ड के निर्देश पर राजेश (अब सोनिया) के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया गया.
मृतक आश्रित कोटे के तहत मिली नौकरी:
सोनिया के मुताबिक उन्हें अपने पिता की मृत्यु के बाद के मृतक आश्रित कोटे के तहत 2003 में बरेली के वर्कशॉप में नौकरी मिली थी. हमेशा से पुरुष की तरह पली-बढ़ी सोनिया को महिलाओं के जैसे अहसास होते थे. उनके शरीर से भले ही लोग उन्हें पुरुष समझें लेकिन अंदर से वह हमेशा से स्त्री थीं.
वह कहती हैं कि उन्हें हमेशा से महिलाओं की तरह श्रृंगार करना अच्छा लगता था. इसलिए उन्होंने आखिरकार उन्होंने राजेश पांडेय से सोनिया पांडेय बनना तय किया.
पत्नी को दिया तलाक:
उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने राजेश पांडेय के रूप में अपने घरवालों और समाज के दवाब में शादी भी की थी. कहीं न कहीं वह सामान्य शादी करके खुद को छिपाकर भी रखना चाहती थीं. लेकिन सोनिया का कहना है कि शादी के बाद उन्हें और ज्यादा घुटन होने लगी.
इसलिए उन्होंने अपनी पूर्व-पत्नी और उनके घरवालों से बात की. उन्हें अपनी बात समझाई और दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया. पत्नी से तलाक के बाद राजेश ने लिंग परिवर्तन करवाने का फैसला किया.
अब शादी कर बनना चाहती हैं दुल्हन:
सोनिया कहती हैं कि अब वह शादी करना चाहती है. और दिलचस्प बात यह है कि उन्हें अपने सपनों का राजकुमार भी मिल गया है. जिनसे शादी करके वह एक खुशहाल ज़िंदगी बिताना चाहती हैं. उनका कहना है कि वह अगले साल तक शादी कर सकती हैं.
सोनिया का सपना सिर्फ दुल्हन बनना नहीं बल्कि माँ बनने के अहसास को जीना भी है. वह कहती हैं कि भगवान ने उनको बनाने में कुछ कमी छोड़ दी थी और आज भगवान के आशीर्वाद से यह कमी भी दूर हो गई है.
-बरेली से कृष्ण गोपाल राज की रिपोर्ट