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Batool Zehra: कौन है पहाड़ी भाषा में भगवान राम का गीत गाने वाली कश्मीर की बतूल जहरा...हर तरफ हो रही चर्चा

जम्मू-कश्मीर की बतूल जहरा एक बार फिर चर्चा में है. जहरा ने अयोध्या में के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पहाड़ी बोली में एक भजन गया है, जो काफी वायरल हो रहा है.

Batool Zehra Batool Zehra

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह नजदीक है. सभी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हर कोई अपने-अपने तरीके से इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहता है. लेकिन ये उत्साह सिर्फ हिंदुओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य धर्म के लोग भी इस आयोजन के प्रति गहरी रुचि और समर्थन दिखा रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के उरी में रहने वाली कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा बतूल जहरा एक बार फिर चर्चा में हैं. पहली बार वो इंटरमीडिएट में अच्छे मॉर्क्स लाकर चर्चा में थीं लेकिन इस बार मामला कुछ और है. 22 जनवरी को यूपी के अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जम्मू-कश्मीर को जोड़ने के लिए उन्होंने पहाड़ी भाषा में राम भजन गाया है. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह प्रधानमंत्री का तारीफ करती नजर आ रही हैं.

पीएम के लिए संदेश
उन्होंने एक रिकॉर्डेड संदेश पोस्ट करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिनों का उपवास कर रहे हैं. देश के हर कोने में सभी लोग भगवान के सम्मान में धुन गा रहे हैं इसमें हमारा जम्मू-कश्मीर भी पीछे नहीं है." इसके बाद वो पहाड़ी भाषा में भजन गाती हैं. गाने का अर्थ है सीता जी के साथ श्री राम पधारें. वह दिन आ गया है. सभी स्वागत में ढोल बजाइए. श्री राम के साथ भक्त हनुमान भी पधार रहे हैं.

कौन है जहरा
जहरा जम्मू कश्मीर के उरी की रहने वाली हैं. इंटरमीडिएट परीक्षा में अच्छे नंबर लाकर वो सुर्खियों में आई थीं. पहाड़ी जनजाति से ताल्लुक रखने वाली जहरा पैदल स्कूल जाती थीं. ऐसे में मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद जब उन्होंने 12वीं की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए तो उनकी खूब तारीफ हुई थी. जहरा बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती है. वह बारामूला की डिप्टी कमिश्रर रहीं डॉ. सैयद सहरीश अशगर को अपना रोल मॉडल मानती हैं. बतूल के पिता का नाम आरिफ हुसैन काजमी है.