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Beating Retreat Ceremony: बीटिंग रिट्रीट समारोह में इस बार क्या है खास? कब शुरू हुई ये परंपरा, सेरेमनी को लेकर जारी की गई ट्रैफिक एडवाइजरी

गणतंत्र दिवस समारोह के तीन दिन बाद हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट का आयोजन होता है. इसी के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक रूप से समापन हो जाता है. इस बार का बीटिंग रिट्रीट बेहद खास होने वाला है. इस बार यहां स्वदेशी धुन बजाई जाएगी.

Beating Retreat Beating Retreat
हाइलाइट्स
  • Republic Day के 3 दिन बाद होता है बीटिंग रिट्रीट

  • आजादी के 5 साल बाद हुई थी इसकी शुरुआत

भारत ने 26 जनवरी को नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर एक शानदार परेड के साथ अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन गणतंत्र दिवस परेड 2024 के मुख्य अतिथि रहे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट मंत्री और अन्य राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति परेड में शामिल हुए. अब समय बीटिंग रिट्रीट समारोह (Beating Retreat Ceremony) का है जो हर साथ 29 जनवरी को नई दिल्ली के रायसीना हिल्स पर आयोजित होता है.

क्या है समय?
कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड गणतंत्र दिवस समारोह की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है, जो बीटिंग रिट्रीट के साथ समाप्त होती है. राजधानी दिल्ली में विजय चौक पर सोमवार शाम बीटिंग रिट्रीट समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कई VVIP गेस्ट शामिल होंगे. बीटिंग रिट्रीट का कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से रात 9.30 बजे तक चलेगा. इस दौरान विजय चौक के आसपास कुछ रास्तों पर वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार, 29 जनवरी, 2019 को नई दिल्ली में होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह से पहले एक ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी है.

कौन से हैं वैकल्पिक मार्ग
यदि आप काम या किसी अन्य कारण से दिल्ली से यात्रा कर रहे हैं, तो कृपया सोमवार, 29 जनवरी के लिए यातायात प्रतिबंध, मार्ग परिवर्तन और वैकल्पिक मार्गों से अवगत रहें. विजय चौक और "सी" हेक्सागन के बीच कर्तव्य पथ यातायात के लिए प्रतिबंधित रहेगा, और विजय चौक तो वाहनों के लिए पूरी तरह बंद रहेगा.

दिल्ली पुलिस ने इस मौके पर निम्नलिखित वैकल्पिक मार्गों की सिफारिश की है जोकि कमल अतातुर्क मार्क, ऑरबिंदो रोड, रिज रोड, मिंटो रोड, सफदरजंग रोड, लोधी रोड, मदरसा टी-प्वाइंट और रानी झांसी रोड हैं. रफी मार्ग और 'सी' हेक्सागन के बीच विजय चौक पर पार्किंग, बीटिंग रिट्रीट समारोह में भाग लेने वाले आगंतुकों के लिए शाम 7:00 बजे के बाद उपलब्ध होगी. आमंत्रितों और दर्शकों के वाहनों की सुविधा के लिए और इंडिया गेट और कार्यक्रम स्थल के पास यातायात को कम करने के लिए, बसें भी दोपहर 2:00 बजे से रात 9:30 बजे तक अपने सामान्य मार्गों से अलग होंगी.

इस बार क्या खास होने वाला है
इस बार का बीटिंग रिट्रीट बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस साल बीटिंग रिट्रीट में स्वदेशी धुन बजाई जाएगी. बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी गणतंत्र दिवस का समापन समारोह है. बीटिंग रिट्रीट सेना का अपने बैरक में लौटने का प्रतीक भी माना जाता है. माना जाता है कि जब शाम को सेनाएं युद्ध समाप्त करके लौटती थीं और अपने अस्त्र-शस्त्र उतार कर रखती थी. इस दौरान झंडे भी नीचे उतार दिए जाते थे. इसे ही बिटिंग रिट्रीट कहते हैं.

हर देश की सेना की बिटिंग रिट्रीट समारोह की एक धुन होती है. भारत में बीटिंग रिट्रीट की धुन 'अबाइड विद मी' धुन 1950 से बजाई जा रही है. लेकिन इस बार बीटिंग रिट्रीट में हर धुन स्वदेशी होगी. इसमें 'कदम कदम बढ़ाए जा', 'ए मेरे वतन के लोगों', 'फौलाद का जिगर', 'शंखनाद' आदि धुनें शामिल हैं.

सदियों पुरानी परंपरा
भारत में बीटिंग रिट्रीट समारोह  की शुरुआत 1955 हुई थी, जब आजादी के बाद क्वीन एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप भारत दौरे पर आए थे. उस वक्त भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने सामूहिक बैंड द्वारा प्रदर्शन के अनूठे समारोह को स्वदेशी रूप से तैयार किया गया था. यह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा का प्रतीक है, जब सैनिक लड़ना बंद कर देते थे. इस दौरान सैनिक भी अपने हथियार बंद कर रख देते थे और युद्ध के मैदान से हट जाते थे.

हालांकि, इस समारोह की कहानी 17वीं सदी से शुरू होती है जब इंग्लैंड के शासक King James II ने शाम को जंग खत्म होने के बाद सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडा झुकाने और परेड करने का आदेश दिया था. उस वक्त इस समारोह को 'Watch Setting,' सेटिंग कहा जाता था. आज की तारीख में यह समारोह भारत और इंग्लैंड के अलावा अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में भी मनाया जाता है