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विजय चौक पर 'बीटिंग द रिट्रीट' की भव्य शुरुआत, आज बैरकों में लौटेंगी सेनाएं

हर साल की तरह इस बार भी‌ गणतंत्र दिवस के समापन समारोह 'बीटिंग रिट्रीट' की धूमधाम के साथ शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पूरी शानो-शौकत के साथ विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने के लिए रवाना हुए

'बीटिंग द रिट्रीट' की भव्य शुरुआत 'बीटिंग द रिट्रीट' की भव्य शुरुआत
हाइलाइट्स
  • दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह की शुरुआत.

  • राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे.

26 जनवरी 2022 को पूरे देश में 73वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया. लेकिन गणतंत्र दिवस एक दिन का जश्न नहीं होता, ये जश्न पूरे 4 दिनों तक मनाया जाता है. जिसकी शुरूआत 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से होती है और 29 जनवरी को बीटिंग द रीट्रीट सेरेमनी के साथ इस दिवस का समापन होता है. इसी परंपरा के तहत दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह की शुरुआत हो गयी है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री सहित तीनों सेनाओं के प्रमुख और सेना के जवान कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच गए हैं. 

हर साल की तरह इस बार भी‌ गणतंत्र दिवस के समापन समारोह बीटिंग रिट्रीट की धूमधाम के साथ शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पूरी शानो-शौकत के साथ विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने के लिए रवाना हुए, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रवाना होने से पहले उनके 46 अंगरक्षकों ने उन्हें सलामी दी. उससे पहले बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेने विजय चौक पहुंचे, पीएम मोदी का रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्वागत किया. 

बीटिंग रिट्रीट में ‘अबाइड विद मी’ नहीं बजाई जाएगी

आज वो खास दिन है जब तीनों सेनाएं बैरकों में लौट जाएंगी. तीनों सेनाओं के अध्यक्ष राष्ट्रपति होते हैं इसलिए सेरेमनी का समापन करने के लिए तीनों सेनाएं राष्ट्रपति से इजाजत लेती हैं. इस दौरान सेनाओं की 26 धुनें सुनाई देंगी. इस बार का बींटिग द रीट्रीट हर बार से थोड़ा अलग होगा. इस बार बीटिंग रिट्रीट में ‘अबाइड विद मी’ नहीं बजाई जाएगी. ऐसा कहा जाता है कि ये इंग्लिश भजन महात्मा गांधी को बहुत पसंद था. साल 1950 से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में इस भजन की धुन बजाई जाती रही है, लेकिन इस बार ये धुन नहीं बजाई जाएगी.

इस बार बजेंगी ये धुनें 

इस बार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत बिगुल पर फैनफेयर गीत के साथ हुई. इसके साथ पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड और मास बैंड वीर सैनिकों ने 6 धुन बजाई. सेरेमनी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के बैंड तीन धुन और एयरफोर्स के बैंड ने 4 धुन बजाई. नेवी के बैंड ने 4 धुनें, आर्मी मिलिट्री बैंड ने 3 धुनें- 'केरल’, ‘सिकी ए मोल’ और ‘हिंद की सेना’ बजाईं. वहीं मास बैंड ने ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’, ड्रमर्स कॉल और ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ धुनों की पेशकश की. समारोह का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ धुन के साथ होगा. पूरे समारोह में 44 बिगुल बजाने वाले, 16 ट्रंपेट प्लेयर्स और 75 ड्रमर्स हिस्सा ले रहे हैं. 

एक हजार ड्रोन का जलवा 

देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में वार्षिक बीटिंग रिट्रीट समारोह में इस बार लगभग एक हजार ड्रोन जलवा बिखेरेंगे. आईआईटी दिल्ली से जुड़ा एक स्टार्टअप इन ड्रोन के शो का प्रदर्शन करेगा. इसके अलावा पहली बार उत्तरी ब्लॉक और दक्षिण ब्लॉक के पैरापेट पर आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक लेजर प्रोजेक्शन मैपिंग शो होगा. यह पहला मौका है जब बीटिंग द रिट्रीट समारोह में लेजर शो और ड्रोन शो होगा. दोनों आयोजन बीटिंग रिट्रीट में पारंपरिक सैन्य धुनों के साथ होंगे.

क्या है बीटिंग रिट्रीट समारोह?

बीटिंग रिट्रीट समारोह प्राचीन काल से चली आ रही उस सैन्य परंपरा का हिस्सा है, जब युद्ध के मैदान में सेनाएं दिन ढलने के बाद अपने अपने बैरक में लौट जाती थीं. इस दौरान झंडे को उतार दिया जाता था. इसलिए गणतंत्र दिवस समारोह के बाद जब सशस्त्र सेनाओं की टुकड़ियां, हथियार और सैन्य साजो सामान के साथ बैरक में लौटती हैं तो इस सेरेमनी का आयोजन किया जाता है. गणतंत्र दिवस के तीन दिन बाद यानी 29 जनवरी को दिन ढलने के समय बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन होता है.