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23 सालों से चल रहा सेवा का सिलसिला, हर दिन अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों को मिलता है मुफ्त पौष्टिक नाश्ता

मध्य प्रदेश के बैतूल में 'अंकुरित आहार परिवार’ नाम की एक संस्था पिछले 23 साल से लगातार जिला अस्पताल में सुबह मरीजों और उनके परिजनो को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रही है. हर सुबह संस्था के कार्यकर्ता अंकुरित आहार बांटते हैं. बैतूल में अब से 23 साल पहले कुछ समाजसेवियों और पत्रकारों ने गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक योजना की शुरुआत की थी. जिसने बीते 23 सालो में लाखों मरीजों को फायदा पहुंचाया है.

अंकुरित आहार परिवार अंकुरित आहार परिवार
हाइलाइट्स
  • 23 सालों से मिल रही मरीजों को सेवा

  • हर दिन लगभग 1000 मरीजों को मिलता है आहार

मध्य प्रदेश के बैतूल में 'अंकुरित आहार परिवार’ नाम की एक संस्था पिछले 23 साल से लगातार जिला अस्पताल में सुबह मरीजों और उनके परिजनो को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रही है. हर सुबह संस्था के कार्यकर्ता अंकुरित आहार बांटते हैं. 

बैतूल में अब से 23 साल पहले कुछ समाजसेवियों और पत्रकारों ने गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक योजना की शुरुआत की थी. जिसने बीते 23 सालो में लाखों मरीजों को फायदा पहुंचाया है. पौष्टिक आहार के रूप में कभी मूंग तो कभी चना तो कभी सोयाबीन जैसा अनाज भिगो कर, उसे अंकुरित करके हल्का चटपटा बनाकर परोसा जाता है. 

हर दिन लगभग 1000 मरीजों को मिलता है आहार: 

बैतूल के समाजसेवियों ने जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की सेवा करके खास मिसाल पेश की है. हर सुबह साढ़े आठ बजते ही यहां सेवा का सिलसिला शुरू हो जाता है. यहां पिछले 23 सालो से हर सुबह बिना किसी रूकावट के समाजसेवी मरीजों को पोषक तत्वों से बना अंकुरित आहार वितरित कर रहे हैं. 

हर दिन जिला अस्पताल में करीब 1000 मरीजो को सुबह साढ़े आठ बजते ही अंकुरित आहार बांटना शुरू कर दिया जाता है. पोषक तत्वों से बने आहार को लेकर सेवाकर्मी सबसे पहले आठ बजे अस्पताल पहुंचते हैं. फिर सेवा-भावना के लिए छोटी-सी प्रार्थना की जाती है. 

लगभग 1000 मरीजों को मुफ्त आहार

उसके बाद एक दर्जन से ज्यादा सेवाभावी सदस्य हर वार्ड में मरीजों और उनके परिजनों को अंकुरित आहार बांटते है. सेवाभावी सदस्यों का यह कारवां बढ़ता ही जा रहा है. 

सेवा करने वालों की नहीं है कमी:

बताया जा रहा है कि ठंड हो, गर्मी हो या बारिश हो, लेकिन अंकुरित आहार बांटने का यह सिलसिला कभी रुकता नहीं है. हालांकि कोरोनाकाल के दौरान यह काम कुछ समय के लिए रुक गया था. 

संस्था का यह काम लोगों की मदद से ही हो रहा है. बहुत से लोग शादी की सालगिरह, जन्मदिन, पुण्यतिथि अस्पताल में ही मनाते हैं. किसी भी खास दिन पर पर मात्र 500 रूपये शुल्क देकर लोग इस संस्था में शमिल हो जाते हैं. 

इस संस्था की खूबी यही है कि सेवाभावियो की सेवा का यह संकल्प आज तक नहीं टूटा है. समय की पाबन्दी इस परिवार की खास पहचान है. तभी तो अस्पताल का सरकारी नाश्ता मरीजों और उनके परिजनों को मिले या न मिले लेकिन अंकुरित आहार परिवार की यह सौगात हर दिन वक्त पर पहुंचती है. 

(बैतूल से राजेश भाटिया की रिपोर्ट)