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G-20 Summit के लिए दुल्हन की तरह तैयार हुआ भारत मंडपम, कैसे होगा मेहमानों का स्वागत, सजावट से लेकर सुरक्षा तक यहां पढ़ें A टू Z

G-20 Summit in Delhi: जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 9 और 10 सितंबर 2023 को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में होगा. यहां पर 26 पैनल की डिजिटल दीवार बनाई जाएगी. कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों का AI एंकर स्वागत करेगी. सुरक्षा को लेकर भी देश की राजधानी में विशेष इंतजाम किए गए हैं.

जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत मंडपम तैयार (फोटो सोशल मीडिया) जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत मंडपम तैयार (फोटो सोशल मीडिया)
हाइलाइट्स
  • भारत मंडपम में 26 पैनल की डिजिटल दीवार बनाई जाएगी

  • 7000 साल पुरानी डांसिंग गर्ल की मूर्ति दिखाई जाएगी

देश की राजधानी दिल्ली जी-20 शिखर सम्‍मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है. भारत 9 और 10 सितंबर 2023 को राष्ट्रीय राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. इसके लिए दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है.  

भारत मंडपम में होगा आयोजन
जिस स्थान पर जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाना है, वह जगह प्रगति मैदान स्थित आईईसीसी कन्वेंशन सेंटर में भारत मंडपम है. भारत मंडपम बनाने में लगभग 2,700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इसकी भव्यता ऐसी है कि जब जी-20 की बैठक यहां आयोजित की जाएगी, तब पूरी दुनिया भारत के बढ़ते कद के बारे में जानेगी.

भारत मंडपम को मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट पर तैयार किया गया है. भारत मंडपम के हर फ्लोर, हर रूम और हर जगह पर भारतीय संस्कृति और परंपरा की छाप दिखाई पड़ती है. ये पूरा कन्वेंशन सेंटर 123 एकड़ में फैला हुआ है. ये एरिया कितना बड़ा है, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि ये फुटबॉल के 26 स्टेडियम के बराबर है.

मेहमानों का AI एंकर करेगी स्वागत 
जी-20 के लिए भारत मंडपम में 26 पैनल की डिजिटल दीवार बनाई जाएगी. कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों का AI एंकर स्वागत करेगी. AI एंकर कॉरिडोर की थीम के बारे में भी जानकारी देगी. साथ ही इस पैनल पर भारतीय लोकतंत्र की कहानी को दिखाया जाएगा. वैदिक काल से शुरू होकर 2019 के चुनावों तक की झलक पेश की जाएगी. पैनल में टच स्‍क्रीन होगा, जहां पर 16 भाषाओं में ऑडियो, वीडियो और टेक्‍स्‍ट होगा. यहां पर 7000 साल पुरानी डांसिंग गर्ल की मूर्ति भी दिखाई जाएगी, जो लोकतंत्र के प्रतीक के तौर पर है. 

सिंधु घाटी सभ्यता का होगा वर्णन
इन स्क्रीन पर वैदिक काल के साथ ही सम्राट अशोक, फाह्यान, मेगस्‍थनीज की कहीं गई बातें और उत्तरामेरुर के मंदिर पर अंकित 10 वीं शताब्‍दी के लोकतंत्र की कहानी के अलावा कृष्णदेव राय, क्षत्रपति शिवाजी, भारत के संविधान बनाने की प्रक्रिया और उसकी खासियत का जिक्र भी होगा. यही नहीं इसमें सिंधु घाटी सभ्यता का वर्णन भी शामिल किया गया है. 

इंडिया ऑन द मून मूवी की होगी प्रस्तुति 
भारत निर्वाचन आयोग के डेटा के जरिए देश के फ्री और फेयर इलेक्शन के बारे में बताया जाएगा, यह 2019 तक का होगा. इसके जरिए कोशिश है कि भारतीय लोकतंत्र की पुरानी और गहरी परंपरा की गाथा को दिखाया जा सके. इसके साथ ही भारत मंडपम में साढ़े 4 मिनट की मूवी इंडिया ऑन द मून की भी प्रस्तुति होगी. 

29 देशों की संस्कृति से रूबरू होंगे गेस्ट
वसुधैव कुटुंबकम भारतीय संस्कृति की अवधारणा के मूल में रहा है. इसी सोच की झलक आने वाले दिनों में मिलेगी. इसे लेकर भारत मंडपम के कल्चरल कॉरिडोर में इसकी तैयारी की जा रही है. जी-20 के शिखर सम्मेलन के मौके पर संस्कृति मंत्रालय ने एक सांस्कृतिक गलियारा तैयार किया है. 

जी-20 सदस्य देशों के अलावा मेहमान देशों से सहित कुल 29 देशों की कला और संस्कृति की झलक से रूबरू होने का मौका मिलेगा. यह गलियारा वसुधैव कुटुंबकम की सोच को दर्शाने के साथ-साथ सांस्कृतिक वर्किंग ग्रुप के प्रतीक वाक्य संस्कृति सभी को जोड़ती है का भी प्रतिनिधित्व करता है.

डिजिटल म्यूजियम होगा लॉन्च
यह सांस्कृतिक गलियारा अपने आप में एक डिजिटल म्यूजियम होगा, जो खासतौर पर जी-20 के शिखर सम्मेलन के लिए तैयार किया गया है. इसे 9 सितंबर को भारत मंडपम में लॉन्च किया जाएगा. इस सम्मेलन में जी-20 देशों से लाई कलाकृतियां और संस्कृति के प्रतिनिधि करने वाली कृतियां डिजिटल तरीके और फिजिकल तरीके से पेश की जाएंगी. सूत्रों के मुताबिक, गलियारे में प्रदर्शित सदस्य देशों से आईं सभी कृतियां चार महीने के लिए एक समझौते के तहत मंगाई गई हैं. चार महीने बाद ये सभी अपने देशों को लौटा दी जाएंगी. 

प्रदर्शनी में भारत की ये चीजें होंगी शामिल
गलियारे में भारत का हिमालय पर्वत, गंगा नदी-गोमुख से गंगासागर तक, मेघालय का लिविंग रूट पुल, हिंद महासागर और रॉयल बंगाल टाइगर को प्राकृतिक धरोहर कैटिगरी में चयन समिति ने चुना है. गलियारे में लोकतंत्र के महत्व को रेखांकित करती भारत के चारों वेदों में से सबसे प्राचीन ऋग्वेद के दसवें मंडल की एक ऋचा भी लगाई गई है. भारत अपनी धरोहर के रूप में पाणिनी की अष्टाध्यायी की मूल पांडुलिपि, योग, कुंभ मेला, वैदिक मंत्रोच्चार, चोल शासन काल की मूर्तियां, गुजरात की पाटन पटोला वस्त्र कला का प्रदर्शन को पेश कर रहा है.

सुरक्षा को लेकर क्या हैं इंतजाम?
दिल्ली में मेहमानों की सुरक्षा के बंदोबस्त चाक चौबंद कर दिए गए हैं. जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले, दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों से 29 अगस्त से 12 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में पैराग्लाइडर, हैंग-ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून जैसे उप-पारंपरिक हवाई प्लेटफार्मों की उड़ान पर रोक लगा दी है. दिल्ली में होने वाले जी-20 सम्मेलन के चलते सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं. 

50 हजार पुलिस के जवानों को किया गया है तैनात
आयोजन स्थलों को फुलप्रूफ बनाने के लिए सुरक्षा बल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉड्यूल का इस्तेमाल कर रही हैं. सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली में 50 हजार पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. वहीं, जी-20 समिट की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए खास वर्दी तैयार की गई है. इसी के साथ दिल्ली में एंटी टेरर स्क्वॉड भी तैनात की जाएगी.

NSG के कमांडो हर वक्त रहेंगे मौजूद
G20 समिट को देखते हुए एनएसजी की एक दर्जन से ज्यादा टीमों को G20 वेन्यू के साथ-साथ दिल्ली के कुछ खास जगहों पर तैनात की जाएंगी. साथ ही दिल्ली पुलिस की SWAT टीम के साथ अर्धसैनिक बलों की क्विक रिएक्शन टीम (QRT) की कई टीमों को दिल्ली के उन होटलों के आसपास तैनात की जाएंगी, जहां विदेशी मेहमान रुकेंगे. आसमान से भी दिल्ली पर नजर रखी जाएगी. 

इसके लिए एयरफोर्स और भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर लगातार आसमान में चक्कर लगाएंगे. इन हेलिकॉप्टर में सेना और NSG के कमांडो हर वक्त मौजूद रहेंगे. NSG दुश्मन ड्रोन के खतरे को देखते हुए कई जगहों पर एंटी ड्रोन सिस्टम को लगा रही है, जिससे दुश्मन की किसी भी साजिश को नाकाम किया जा सके. साथ ही दिल्ली की हाई राइज बिल्डिंगों पर NSG और सेना के स्नाइपर तैनात होंगे.

जी-20 के ये हैं सदस्य देश
जी-20 के सदस्यों में अर्जेंटीना, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया ब्राजील मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. बता दें, इस बार जी-20 समिट में मेहमानों की लिस्ट में बांग्लादेश, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, मिस्र, मॉरीशस और यूनाइटेड अरब जैसे देश शामिल हैं.